सरकार ने देश में मानसून पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने के लिये स्वदेशी जलवायु मॉडल विकसित

सरकार ने देश में मानसून पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने के लिये स्वदेशी जलवायु मॉडल विकसित किया- डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने देश में मानसून पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक स्वदेशी जलवायु मॉडल विकसित किया है। आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र (सीसीसीआर), भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), में एक अत्याधुनिक पृथ्वी प्रणाली मॉडल (ईएसएम) विकसित किया गया है।

यह भी पढ़ें :   केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा केंद्रीय बजट 2018-19 से 2020-21 तक अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के कल्याण के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई: श्री अर्जुन मुंडा

मॉडल का विकास आईआईटीएम पुणे के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान समुदाय के सहयोग से किया। यह मॉडल एक अत्याधुनिक जलवायु मॉडल है, जिसमें वायुमंडल के घटक, गहरे समुद्र के प्रवाह सहित महासागर, आर्कटिक और अंटार्टिक की समुद्री-बर्फ, और महासागरों की बायोजियोकैमिस्ट्री शामिल है।

यह पृथ्वी प्रणाली मॉडल, जिसे आईआईटीएम-ईएसएम के रूप में जाना जाता है, दक्षिण एशिया का पहला जलवायु मॉडल है जिसने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर6) मे योगदान दिया है और कपल्ड मॉडल इंटर-कंपेरिज़न प्रोजेक्ट- छठा चरण (सीएमआईपी6) प्रयोग में भाग लिया है।

यह भी पढ़ें :   सीएसआईआर ने सीवरेज रखरखाव के लिए स्वदेशी मशीनीकृत सफाई प्रणाली का विकास किया

आईआईटीएम-ईएसएम में जलवायु परिवर्तन के विज्ञान से संबंधित प्रमुख सवालों को हल करने की क्षमता है, जिसमें वैश्विक और क्षेत्रीय जलवायु, भारतीय मानसून, जलीय चक्र, समुद्र-स्तर में परिवर्तन, बदलती जलवायु में उष्णकटिबंधीय महासागर-वायुमंडल प्रक्रिया के विश्वसनीय अनुमान शामिल हैं।