कोयला मंत्रालय के तहत सीएमपीडीआईएल द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों के एक हिस्से के रूप में रबीन्द्र भवन में कल एक दो दिवसीय हस्तशिल्प-सह-विक्रय मेला आरंभ हुआ।
इस मेले में, रांची जिले के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा आकर्षक रूप से बनाए गए जूट के उत्पाद, फ्रेम, स्मृति चिन्ह, लकड़ी के शिल्प, बांस के शिल्प, हैंड बैग तथा टेराकोटा शिल्प बिक्री के लिए उपलब्ध कराये गए।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के उपयोग को निरुत्साहित करना और मिट्टी, जूट, बांस आदि जैसे पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक संसाधनों से बनी वस्तुओं को बढ़ावा देना है। यह पर्यावरण को क्षरण से बचाएगा तथा आर्थिक रूप से भी स्थानीय कारीगरों के लिए सहायक होगा।
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एमजी/एएम/एसकेजे/सीएस