अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष श्री पीटर ड्यूटन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का प्रेस वक्तव्य

प्रमुख बातें:

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के प्रेस वक्तव्य का पूरा पाठ:

“महामहिम श्री पीटर ड्यूटन, देवियों और सज्जनों,

ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री महामहिम श्री डटन और उनके उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर स्वागत करना बहुत सम्मान और खुशी की बात है। उनकी ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्रीमहामहिम सुश्री मारिस पायने के साथ वैश्विक महामारी के बावजूद की गई भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऑस्ट्रेलिया की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

देवियों और सज्जनों,

हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री डटन के साथ मेरी बहुत उपयोगी और व्यापक चर्चा हुई है।हम दोनों भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के इच्छुक हैं। यह साझेदारी मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा दृष्टिकोण पर आधारित है। इस क्षेत्र में शांति, विकास और व्यापार के मुक्त प्रवाह, नियम-आधारित व्यवस्था और आर्थिक विकास में ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों की जबरदस्त हिस्सेदारी है ।

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आज हमारी चर्चा हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और सेना के अंगों में सैन्य जुड़ावों के विस्तार, रक्षा संबंधी सूचना का साझाकरण बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग और आपसी रसद समर्थन पर केंद्रित है ।

दोनों पक्षों ने इस पर खुशी जताई कि ऑस्ट्रेलिया 2020 में मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ। इस संदर्भ में हमने इस वर्ष मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की निरंतर भागीदारी पर भी संतोष व्यक्त किया ।

मैंने मंत्री डटन को “आत्मनिर्भर भारत”की दिशा में हमारे हालिया प्रयासों और भारत में बढ़ते नवाचार पारितंत्र से अवगत कराया। हमने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एक साथ काम करने के अवसरों पर चर्चा की ।

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मैंने ऑस्ट्रेलियाई उद्योग को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। हम दोनों सहमत थे कि सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए द्विपक्षीय सहयोग के अवसर उपलब्ध हैं ।

भारत पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और विकास के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। महामहिम, मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।

आपका बहुत बहुत धन्यवाद।”

एमजी/एएम/एबी-XYZ