कागज आयात निगरानी प्रणाली (पीआईएमएस) 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होगी; ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा 15 जुलाई 2022 से उपलब्ध होगी

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कागज के प्रमुख उत्पादों की आयात नीति में संशोधन करके इन उत्पादों को ‘मुफ्त’ श्रेणी से हटाकर ‘पीआईएमएस के तहत अनिवार्य पंजीकरण के अधीन मुफ्त’ करते हुए कागज आयात निगरानी प्रणाली (पीआईएमएस) की शुरुआत की है। कागज आयात निगरानी प्रणाली (पीआईएमएस) 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होगी। हालांकि, पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा 15 जुलाई 2022 से उपलब्ध होगी।

पीआईएमएस घरेलू क्षेत्र की किसी क्षेत्रीय इकाई द्वारा न्यूजप्रिंट, हस्तनिर्मित कागज, कोटेड पेपर, अनकोटेड पेपर, लिथो एवं ऑफसेट पेपर, टिशू पेपर, टॉयलेट पेपर, कार्टन, लेबल, आदि जैसे 201 टैरिफ लाइनों को कवर करने वाले कागज के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के आयात पर लागू होगा। हालांकि, करेंसी पेपर, बैंक बांड एवं चेक पेपर, सिक्योरिटी प्रिंटिंग पेपर आदि जैसे कागज के उत्पादों को अनिवार्य पंजीकरण के दायरे से बाहर रखा गया है।

पीआईएमएस के तहत, एक आयातक को ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से 500 रुपये के पंजीकरण शुल्क का भुगतान करके एक स्वचालित पंजीकरण संख्या प्राप्त करने की जरूरत होगी। यह पंजीकरण संख्या आयात खेप के आगमन की अपेक्षित तिथि से पूर्व के 75वें दिन से पहले और खेप के आगमन की अपेक्षित तिथि से पूर्व के पांचवें दिन के बाद आवंटित नहीं की जाएगी। यह स्वचालित पंजीकरण संख्या 75 दिनों की अवधि के लिए वैध रहेगी और पंजीकरण की वैधता अवधि के भीतर, उसी पंजीकरण संख्या के तहत, स्वीकृत मात्रा के लिए विविध खेप के बिल ऑफ एंट्री (बीओई) की अनुमति दी जाएगी।

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इसके अलावा, पीआईएमएस के तहत पंजीकरण विशेष आर्थिक क्षेत्र / मुक्त व्यापार गोदाम क्षेत्र में एक इकाई द्वारा आयात के समय या पीआईएमएस के तहत शामिल वस्तुओं के निर्यात उन्मुख इकाई द्वारा आयात के समय भी आवश्यक होगा। हालांकि, घरेलू क्षेत्र की किसी क्षेत्रीय (डीटीए) इकाई को एसईजेड/एफटीडब्ल्यूजेड/ईओयू से सीमा शुल्क संबंधी निकासी के समय उसके द्वारा पीआईएमएस के तहत पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी बशर्ते एसईजेड/एफटीडब्ल्यूजेड/ईओयू में प्रवेश के समय पीआईएमएस के तहत पहले से पंजीकृत कागज की उस वस्तु का कोई प्रसंस्करण नहीं हुआ हो।

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घरेलू कागज उद्योग की मांग के आधार पर, पीआईएमएस की शुरूआत का उद्देश्य “अन्य” श्रेणी टैरिफ लाइनों के तहत आयात, अंडर-इनवॉइसिंग के माध्यम से घरेलू बाजार में कागज के उत्पादों की डंपिंग, गलत घोषणा द्वारा निषिद्ध माल का प्रवेश, व्यापार समझौतों के बदले अन्य देशों के जरिए माल का फिर से परिवहन कराने पर रोक लगाना है। यह कदम इस श्रेणी के तहत ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर’ पहल को भी बढ़ावा दे सकता है।

हालांकि, यदि 8-अंकीय स्तर पर एचएस कोड में बदलाव के साथ एसईजेड/एफटीडब्ल्यूजेड/ईओयू में वस्तु का प्रसंस्करण हुआ है, तो प्रसंस्करण की गई वस्तु के कवर की जाने वाली 201 टैरिफ लाइनों में से किसी एक के अंतर्गत आने की स्थिति में डीटीए में स्थित आयातक को पीआईएमएस के तहत पंजीकरण करने की जरूरत होगी।     

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