उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने जनता और नीति निर्माताओं के बीच हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया

उपराष्ट्रपति  श्री एम. वेंकैया नायडु ने जनता और नीति निर्माताओं में हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह इच्छा जताई कि नीति निर्माता और जनप्रतिनिधि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सभी स्तरों पर हेपेटाइटिस की रोकथाम का लोगों तक संदेश पहुंचाएं।

आज संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में अपने मुख्य संबंधोन में उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत अभियान और टीबी मुक्त भारत अभियान की तरह वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस को समाप्त करने के अभियान को ‘जन आंदोलन’ बनाने का आह्वान किया।

श्री नायडु ने नीति निर्माताओं को सलाह दी कि हेपेटाइटिस उन्मूलन के अभियान जनता की स्थानीय भाषा में चलाया जाए ताकि इसकी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सुनिश्चित हो। उन्होंने इस संबंध में सरकारी संदेशों में नवाचार किए जाने का आह्वान किया ताकि एकरसता से बचा जा सके और संदेश को आम आदमी के लिए भी सुलभ और समझने योग्य बनाया जा सके।

यह भी पढ़ें :   12 वीं बटालियन आरएसी,नई दिल्ली

श्री नायडु ने कहा कि भारत हालांकि सभी मोर्चों पर वैश्विक रूप से मजबूत हो रहा है, लेकिन भारत को “एक स्वस्थ और खुशहाल राष्ट्र” बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से आहार की बेहतर आदतें और शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली अपनाने का भी अनुरोध किया।

यह भी पढ़ें :   Indian Railways : बयाना में अंडरपास की मांग को लेकर रेल रोकने की चेतावनी

उपराष्ट्रपति ने हेपेटाइटिस अभियान को अपना लगातार संरक्षण प्रदान करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला की प्रशंसा की और इस सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे पर किए जा रहे निरंतर प्रयासों के लिए आईएलबीएस के डॉ एसके सरीन और उनकी डॉक्टरों की टीम को भी धन्यवाद दिया।

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, राज्यसभा के उपसभापति  श्री हरिवंश नारायण सिंह,  दिल्ली के उप-राज्यपाल  श्री विनय कुमार सक्सेना, लोकसभा के महासचिव  श्री उत्पल कुमार सिंह, संसद सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस सत्र के दौरान उपस्थित थे।

***

एमजी/एएम/आईपीएस/ओपी