केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के माणसा में शहीद स्मारक एवं पुस्तकालय का भूमिपूजन किया

श्री अमित शाह ने अंबोड के महाकाली मंदिर में दर्शन व पूजन और पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड द्वारा मंदिर के विकास के लिए विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया, श्री शाह ने नवरात्रि के पावन अवसर पर बहुचराजी माताजी के दर्शन व पूजन भी किया

आज हम सब वर्षों पहले देश को स्वतंत्र कराने के संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले 12 वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं

1857 की क्रांति के दौरान पूरे देश में लाखों लोगों ने अंग्रेजो के विरूद्ध सात महीनों तक लड़ाई लड़ी जिसमें अनगिनत लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी

कई नामी योद्धाओं ने देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन अनेक शहीद ऐसे थे जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है जो अपने जीवन को देश पर न्यौछावर कर भारत माता को स्वतंत्र कराने का प्रयास करते हुए शहीद हो गए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लेते हुए देशभर में 450 से ज्यादा अनजाने शहीदों के स्मारक बनाने का काम किया है

जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया तब उन्होंने इसके तीन उदेश्य देश की जनता के सामने रखे

पहला, देश की युवा पीढी को 1857 से 1947 तक के 90 वर्षों के लंबे आजादी के संघर्ष से परिचित कराकर उनके मन में देशभक्ति की भावना को पुनर्जागृत करना

दूसरा, 75 वर्ष के दौरान देश की उपलब्धियों का गौरवगान करना और देश को यहाँ तक पहुंचाने में सभी लोगों के योगदान को याद करना

तीसरा, 75 वर्ष से 100 वर्षों तक के अमृत काल के रुप में मनाकर आज़ादी की शताब्दी के समय भारत विश्व में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर हो, इसका संकल्प लेना

गुजरात सरकार ने निर्णय लिया है कि यहां के 12 शहीदों के नाम के बारह स्तंभ और बीच में राष्ट्रीय ध्वज और भविष्य के निर्माण के लिए बच्चों को पढ़ने के लिए जगह, यह सभी यहां हो और शहीदों को हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन श्रद्धांजलि दी जाए

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी ने एक और अभियान भी चलाया है जिसके तहत हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण, पुराने तालाबों को साफ, गहरा और स्वच्छ बनाना और उनके आसपास वृक्षारोपण करना शामिल है

यह भी पढ़ें :   डॉ. मनसुख मांडविया गुजरात के केवड़िया में 5-7 मई, 2022 तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय "स्वास्थ्य चिंतन शिविर" की अध्यक्षता करेंगे

यह अमृत सरोवर का कार्यक्रम लंबे समय तक आजादी के अमृत महोत्सव को प्रेरणा देनेवाला बनेगा

 

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के माणसा में शहीद स्मारक एवं पुस्तकालय का भूमिपूजन किया।

 

 

श्री अमित शाह ने अंबोड के महाकाली मंदिर में दर्शन व पूजन और पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड द्वारा मंदिर के विकास के लिए विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया।

 

श्री अमित शाह ने नवरात्रि के पावन अवसर पर बहुचराजी माताजी के दर्शन व पूजन भी किया।

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज हम सब वर्षों पहले देश को स्वतंत्र कराने के संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले 12 वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति के दौरान पूरे देश में लाखों लोगों ने अंग्रेजो के विरूद्ध सात महीनों तक प्रचंड लडाई लड़ी जिसमें अनगिनत लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में तात्या टोपे, बहादुरशाह जफर, नाना साहब पेशवा, अजीम उल्ला खान, लखनउ की बेगम और रानी लक्ष्मीबाई जैसे कई योद्धाओं ने देश के लिए बलिदान दिया। परंतु अनेक शहीद ऐसे थे जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उन्हें प्रसिद्धि नहीं मिली और वे अपने जीवन को देश पर न्यौछावर कर भारत माता को स्वतंत्र कराने का प्रयास करते हुए शहीद हो घए। लेकिन 1947 से अभी तक 75 वर्षों में इन जाने-अनजाने शहीदों को श्रद्धांजलि देने या इनका स्मारक बनाने के बारे में किसी ने नहीं सोचा। अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया और और देशभर में 450 से ज्यादा अनजाने शहीदों के स्मारक करोड़ों रुपयों की लागत से बनाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब मोदी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया तब उन्होंने इसके तीन उदेश्य देश की जनता के सामने रखे। पहला, देश की युवा पीढी को 1857 से 1947 तक के 90 वर्षों के लंबे आजादी के संघर्ष से परिचित कराकर उनके मन में देशभक्ति की भावना को पुनर्जागृत करना। दूसरा, 75 वर्ष के दौरान देश की उपलब्धियों का गौरवगान करना और देश को यहाँ तक पहुंचाने में सभी लोगों के योगदान को याद करना। तीसरा, 75 वर्ष से 100 वर्षों तक के अमृत काल के रुप में मनाकर आज़ादी की शताब्दी के समय भारत विश्व में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर हो, इसका संकल्प लेना।

यह भी पढ़ें :   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में आयोजित देश के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन, “अमृत समागम”, का शुभारंभ किया

श्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात सरकार ने निर्णय लिया है कि यहां के 12 शहीदों के नाम के बारह स्तंभ और बीच में राष्ट्रीय ध्वज और भविष्य के निर्माण के लिए बच्चों को पढ़ने के लिए जगह, यह सभी यहां हो और शहीदों को हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन श्रद्धांजलि दी जाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए खुद की चिंता ना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, अगर हम उन्हें श्रद्धांजलि ना दें तो एक स्वतंत्र देश के नागरिक के रुप में हम पीछे रह जाएंगे।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी ने एक और अभियान बी चलाया है जिसके तहत हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण, पुराने तालाबों को साफ, गहरा और स्वच्छ बनाना और उनके आसपास वृक्षारोपण करना शामिल है। यह अमृत सरोवर का कार्यक्रम लंबे समय तक आजादी के अमृत महोत्सव को प्रेरणा देनेवाला बनेगा। उन्होंने कहा कि भाई मगन भूखन दास, द्वारका दास श्रॉफ और जेठा माधवदास पटेल और उनके अन्य 9 साथियों की वीरता की याद में ये शहीद स्मारक यहां बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सालों बाद आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में इन 12 शहीदों की स्मृति में ये भव्य स्मारक बनेगा। इसके अलावा समौ के गरीब बच्चों के लिए 24 घंटे पढने और परीक्षा की तैयारी के लिए सभी सुविधाओं से युक्त पुस्तकालय भी बनेगा। इस लायब्रेरी का नाम भी इन तीनों शहीदों के नाम पर रखा जाएगा और अन्य 9 शहीदों के नामों का भी उल्लेख किया जायेगा। श्री शाह ने कहा कि इन 12 शहीदों ने भारत माता के लिए अपने प्राण त्याग दिए। उन्होंने कहा कि हम देश के लिए मर नहीं सकते लेकिन देश के लिए जी तो सकते हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि इस अमृत काल के दौरान एक संकल्प अवश्य लें जिससे देश का भला हो।

*****

एनडब्ल्यू / एवाई / एके / आरआर / एएस