भारत एफटीए वार्ताओं में राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा, सरकार अंतिम समयसीमा को पूरा करने की खातिर इस दृष्टिकोण से नहीं हटेगी : श्री पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत एफटीए वार्ताओं में राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा कि उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ गहन परामर्श करने के बाद एफटीए किए जाएंगे और सरकार अंतिम समय सीमा को पूरा करने की खातिर इस दृष्टिकोण से पीछे नहीं हटेगी।

श्री गोयल आज नई दिल्ली में निर्यात संवर्धन परिषदों तथा उद्योग एसोसिएशनों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान भारत के निर्यात निष्पादन की समीक्षा करने के लिए आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

बैठक के दौरान, श्री गोयल ने निर्यात की तेज गति को बनाये रखने पर जोर दिया तथा कहा कि निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ परस्पर बातचीत ने यह विश्वास दिलाया है कि भारतीय निर्यात वैश्विक बाधाओं का सामना करने में सक्षम होगा तथा पिछले साल के निर्यात को एक बड़े अंतर से पीछे छोड़ने में सफल रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत को निश्चित रूप से विश्व बाजार में नए अवसरों की खोज करनी चाहिए और व्यापार के विस्तार के लिए ऐसे हर संभव अवसरों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने सेवाओं के आयात का भी गहन अध्ययन करने तथा ऐसे क्षेत्रों/सेक्टरों पर गौर करने पर जोर दिया जहां उनमें वृद्धि देखी जा रही है।

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उद्योग के प्रतिभागियों को आश्वासन दिया गया कि सरकार उनके द्वारा उठाये गए मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सत्र का समापन करते हुए, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने व्यापार एवं उद्योग से विपणन के लिए नवोन्मेषी तरीकों को कार्यान्वित करने, गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने एवं इस वित्त वर्ष के दौरान उच्चतर निर्यात वृद्धि अर्जित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया।

समीक्षा बैठक के दौरान, विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने क्षेत्रवार वृद्धि के साथ-साथ भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों के मुकाबले वर्ष दर वर्ष निर्यात रुझानों पर प्रस्तुति दी। अग्रणी तथा पिछड़े निर्यात बाजारों/ क्षेत्रों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया जिससे कि उन पर विशेष ध्यान दिया जा सके और संभावित सुधारात्मक कदम उठाये जा सकें।

बैठक के दौरान, उद्योग जगत को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान दर्ज की गई लगभग 15.5 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि से अवगत कराया गया। तथापि, उद्योग को सितंबर 2022 में निर्यात निष्पादन में आई गिरावट को लेकर भी सावधान किया गया। लातिनी अमेरिका और अफ्रीका जैसे कुछ बाजारों में देखी गई स्वस्थ वृद्धि को रेखांकित करते हुए, जानकारी दी गई कि उभरते आर्थिक और भू-राजनीतिक वातावरण के लिए उद्योग को सावधान रहने की आवश्यकता है जिससे कि ऐसे नए बाजारों में विकास के अवसर छूट न जाए।

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बाद में, ईपीसी तथा उद्योग प्रतिनिधियों के साथ चुनौतियों, अवसरों एवं भारत से निर्यात बढ़ाने के लिए भावी परिदृश्य पर एक गहन चर्चा के एक दौर का आयोजन किया गया। उद्योग ने उच्च इनवेंटरी स्तरों के कारण कच्चे मालों की बढ़ती लागत और कुछ विशिष्ट निर्यात बाजारों में कमजोर मांग से संबंधित कुछ मुद्दे उठाये थे। उद्योग ने रोडटेप के तहत छूटे हुए क्षेत्रों को शामिल करने तथा रोडटेप की विद्यमान दरों को विवेकपूर्ण बनाने, ब्याज समकरण योजना (आईईएस) के तहत तथा बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के तहत बढ़ी हुई सहायता की संभावना की खोज करने और अतिरिक्त सेक्टरों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के प्रचालन के लिए आग्रह किया।

इस बैठक में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल एवं वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने भी भाग लिया।

 

एमजी/एएम/एसकेजे