वाणिज्य मंत्री ने लैब ग्रोन डायमंड्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से कई व्यापक पहले करने के लिए गुजरात सरकार की सराहना की

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने लैब ग्रोन डायमंड्स (एलजीडी) यानी प्रयोगशाला में तैयार हीरा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विशेष तौर पर प्रयोगशाला के लिए बिजली दर/ शुल्क में छूट सहित विभिन्‍न पहलों का नेतृत्‍व करने के लिए गुजरात सरकार की सराहना की। बिजली अधिनियम के प्रावधानों के तहत राज्‍य में लैब ग्रोन डायमंड्स उद्योग को 5 साल के लिए बिजली शुल्‍क पर शत प्रतिशत छूट की पेशकश की गई है। वह आज नई दिल्ली में एलजीडी पर एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

श्री गोयल ने आत्‍मनिर्भर गुजरात स्‍कीम्‍स फॉर असिस्‍टेंस टु इंडस्‍ट्रीज 2022 के तहत एलजीडी को एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र के रूप में मान्‍यता देने के लिए गुजरात सरकार की सराहना की। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ‘औद्योगिक मशीनरी एवं उपकरण’ और ‘विद्युत मशीनरी एवं उपकरण’ क्षेत्र को भी महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में शामिल करने पर विचार कर रही है। इसका लाभ भी एलजीडी रिएक्टर विनिर्माताओं मिल सकता है।

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श्री गोयल ने लैब ग्रोन डायमंड्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई व्यापक पहलों का नेतृत्व करने के लिए गुजरात सरकार की सराहना की। इसके तहत बिजली लागत में रियायत, ब्‍याज लागत एवं कर में रियायत, आरएंडडी के लिए मदद ताकि एलजीडी के लिए स्‍वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित की जा सके, कौशल विकास और मौजूदा कार्यबल को कौशन उन्‍नयन के लिए प्रोत्‍साहन सहित कई पेशकश की गई है।

बिजली दरों को कम करने के उद्देश्‍य से औद्योगिक इकाइयां एलटी/ एचटी सेवा लाइनों के वितरण लाइसेंस के लिए भुगतान किए गए शुल्क का 35 प्रतिशत यानी 5 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकती हैं। एक अन्य प्रोत्साहन के तहत 10 वर्षों तक ईपीएफ में नियोक्‍ता योगदान का शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति शामिल है। इसके तहत मूल वेतन के 12 प्रतिशत तक अथवा 1,800 रुपये प्रति माह में से जो भी कम हो का लाभ दिया गया है।

एमएसएमई, बड़ी और मेगा इकाइयों को ब्याज सब्सिडी और 100 प्रतिशत तक शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की पेशकश भी की जा रही है। मेगा इकाइयां 20 वर्षों के लिए पूंजीगत वस्तुओं पर शत प्रतिशत पूंजीगत इनपुट कर की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकती हैं। प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए लागत का 65 प्रतिशत तक की सहायता भी प्रदान की जा रही है जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी। इसमें विदेशी कंपनी से प्राप्त पेटेंटयुक्‍त प्रौद्योगिकी भी शामिल है। बाजार के विकास के लिए एमएसएमई को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए भी सहायता प्रदान की जा रही है। किराये में तीन साल के लिए 65 प्रतिशत तक की सहायता दी जा रही है जो अधिकतम 1 लाख रुपये सालाना होगी। सरकार वित्तीय सहायता के जरिये कौशल विकास और व्‍यक्तिगत उद्यमों के साथ-साथ औद्योगिक संगठनों के लिए अनुसंधान एवं विकास में मदद कर रही है।

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बैठक में रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के सदस्य और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।

 

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एमजी/एएम/एसकेसी