कट्टरपंथी संगठन आईएसआईएस की साजिश के खिलाफ छापे।

कट्टरपंथी संगठन आईएसआईएस की साजिश के खिलाफ महाराष्ट्र और कर्नाटक में छापे।

मोदी सरकार की ऐसी सख्त कार्यवाहियों से ही देश में मुसलमान भी सुरक्षित है। अन्यथा पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि में तो मुसलमान ही मारे जा रहे हैं।
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9 दिसंबर को महाराष्ट्र और कर्नाटक में एनआईए ने कट्टरपंथी संगठन आईएसआईएस के ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की। 9 दिसंबर की तड़के से ही जिस तरह आतंकी ठिकानों की घेराबंदी की गई उससे देश भर में हड़कंप है। माना जा रहा है कि देश के कई राज्यों में आईएसआईएस से जुड़े लोग सक्रिय हैं और भारत के युवाओं को गुमराह कर आतंक का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। हालांकि ऐसे कट्टरपंथियों के खिलाफ समय समय पर कार्यवाही होती रहती है। लेकिन 9 दिसंबर को हुई कार्यवाही को बहुत गंभीर माना जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार एनआईए को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली की भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए योजना बनाई जा रही है। खुफिया सूचनाओं के आधार पर ही छापामार कार्यवाही हुई है। जांच अधिकारियों ने अनेक लोगों को हिरासत में भी लिया है। अकेले महाराष्ट्र में चालीस स्थानों पर छापा मारा गया है। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद आतंकी संगठनों पर लगातार कार्यवाही हो रही है। चूंकि मोदी सरकार के पास पुख्ता सूचनाएं होती है, इसलिए घटना से पहले ही कट्टरपंथियों को दबोच लिया जाता है। मोदी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सूचना प्राप्ति का जो तंत्र मजबूत किय किया है उसकी वजह से ही कट्टरपंथी गिरफ्त में आ रहे हैं। कट्टरपंथियों की वजह से ही देश में मुसलमान भी सुरक्षित तौर पर रह रहे हैं। यदि कट्टरपंथियों को आतंकी वारदात करने में सफलता मिल जाए तो देश के निर्दोष लोग भी मारे जाए। कट्टरपंथियों की आतंकी गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि मुस्लिम देशों में आए दिन निर्दोष लोग मारे जा रहे हैँ। इन देशों में मरने वाले सभी लोग मुसलमान है। यानी आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता है। अपनी बात को मनवाने के लिए आतंकी किसी की भी जान ले सकते हैं। भारत में जो लोग शांतिपूर्ण तरीके से रह रहे हैं उनके लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों के हालातों को समझना जरूरी है। भारत के लोगों को अच्छी तरह पता है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रभावी रहते हुए आतंक की कितनी घटनाएं हुई। देशवासियों ने जयपुर में सीरियल ब्लास्ट से लेकर मुंबई हमलों तक के जख्म देखे हैं। उस समय केंद्र सरकार का सूचना तंत्र बेहद कमजोर था, इसलिए कट्टरपंथी आतंकी वारदात करने में सफल हो जाते थे। कई बार तो देखा गया कि कट्टरपंथियों को सरकारों का ही संरक्षण रहा। लेकिन अब मोदी सरकार में सूचना तंत्र मजबूत है, इसलिए घटना होने से पहले ही आतंकियों को दबोच लिया जाता है।

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Report By S.P.MITTAL