अफगानिस्तान में भारत का दूतावास बंद होने तथा चीन के चलते रहने के बहुत मायने हैं। क्या चीन में भारत की तरह स्वतंत्रता के साथ रह रहे हैं मुसलमान?

तालिबान, चीन और पाकिस्तान की साजिश को समझे भारत में असदुद्दीन ओवैसी और ममता बनर्जी जैसे राजनेता।
अफगानिस्तान में भारत का दूतावास बंद होने तथा चीन के चलते रहने के बहुत मायने हैं। क्या चीन में भारत की तरह स्वतंत्रता के साथ रह रहे हैं मुसलमान?
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गैर मुस्लिम राष्ट्रों में चीन एकमात्र देश हैं, जिसने अपना दूतावास अफगानिस्तान में बनाए रखा है। जबकि 25 करोड़ मुस्लिम आबादी वाले भारत को अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद करना पड़ा है। अमरीका जैसे महाशक्तिशाली देश को खदेड़ कर अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले चरमपंथी मुस्लिम संगठन तालिबान को चीन ने मदद का भरोसा दिलाया है। सब जानते हैं कि तालिबान लड़ाकों की मदद पाकिस्तान ने खुलेआम की है। पाकिस्तान के दखल से तो अफगानिस्तान में तालिबानियों की सरकार बन रही है। सवाल उठता है कि भारत में जिस स्वतंत्रता और अधिकारों के साथ 25 करोड़ मुस्लिम आबादी रह रही है, उस स्वतंत्रता के साथ क्या चीन में मुसलमान रह रहे हैं? सब जानते हैं कि चीन में मुसलमानों पर कितनी पाबंदियां हैं। जो मुसलमान चीन की वापमंथी सरकार का कहना नहीं मानता है उसे यातना शिविरों में भेज दिया जाता है। मुसलमानों पर इतने अत्याचार करने के बाद भी चीन तालिबानियों के लिए दोस्त है और भारत में मुसलमानों की इतनी स्वतंत्रता के बाद भी अफगानिस्तान से दूतावास को बंद करना पड़ा। भारत में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुस्लिम आबादी का सबसे बड़ा पैरोकार माना जाता है। ऐसे राजनेताओं को अब तालिबान, चीन और पाकिस्तान की साजिश को समझना चाहिए। छोटी छोटी बात का बतंगड़ बनाने के बजाए यह देखना चाहिए कि भारत में मुस्लिम आबादी कितनी स्वतंत्रता और अधिकार के साथ रह रही है। सवाल यह भी है कि क्या तालिबान की सोच के अनुरूप भारत में मुसलमान खास कर महिलाएं रह सकती हैं? इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि भारत में तालिबान चीन और पाकिस्तान के समर्थक हैं। हमारे कश्मीर के जो जिले पाकिस्तान के कब्जे में उन्हीं जिलों की सीमा अफगानिस्तान से लगी हुई है और अब पाकिस्तान का प्लान है कि पीओके से तालिबान लड़ाकों को हमारे कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए भेजे। यदि भारत में तालिबान सक्रिय होता है तो फिर असदुद्दीन ओवैसी और ममता बनर्जी जैसे राजनेताओं की स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ जाएगी। पाकिस्तान तो अभी से ही धमकी भरे अंदाज में बात करने लगा है। भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है, जिसमें नागरिकों को धर्म के अनुरूप जीवन व्यतीत करने का अधिकार है। कई मामलों में देश का कानून भी लागू नहीं होता है। भारत की यह खूबसूरती बनी रहनी चाहिए। तालिबान, चीन और पाकिस्तान से सावधान रहने की जरूरत है। जहां तक भारत सरकार का सवाल है तो अफगानिस्तान की समस्या पर अभी तक सूझबूझ वाले निर्णय ही लिए गए है। सफलतापूर्वक सभी भारतीयों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला गया है।