पर्यटन मंत्री ने कुशीनगर में ‘बौद्ध सर्किट में पर्यटन–एक कदम आगे’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

मुख्य बातें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर, पर्यटन मंत्रालय ने 20 और 21 अक्टूबर 2021 को कुशीनगर में “बौद्ध सर्किट में पर्यटन- एक कदम आगे” शीर्षक से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन,संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल,नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (सेवानिवृत्त) श्री वी के सिंह और विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी की गरिमामयी उपस्थिति में किया।इस अवसर पर सचिव पर्यटन, भारत सरकार श्री अरविंद सिंह, पर्यटन मंत्रालय के महानिदेशक श्री जी के वी राव और मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र के बाद,पर्यटन से जुड़े लोगों, मीडिया आदि के साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन से जुड़े लोगों के साथ-साथ मंत्रियों से भी कई बहुमूल्य सुझाव सामने आए।

अपने संबोधन के दौरान पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कुशीनगर,श्रावस्ती और कपिलवस्तु के आसपास बौद्ध सर्किट के बारे में बताया जिसे स्वदेश दर्शन योजना के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने देश के अन्य हिस्सों जैसे मध्य प्रदेश,बिहार,गुजरात और आंध्र प्रदेश में शुरू की गई कई बौद्ध सर्किट परियोजनाओं के बारे में भी बताया जो जल्द ही पूरी होने वाली हैं। केंद्रीय मंत्री ने भारत में तिब्बती अध्ययन केंद्रीय विश्वविद्यालय, सारनाथ,बौद्ध अध्ययन केंद्रीय संस्थान, लेह, नव नालंदा महाविहार, नालंदा, बिहार और केंद्रीय हिमालयी संस्कृति अध्ययन संस्थान, अरुणाचल प्रदेश जैसे विभिन्न विशिष्ट संस्थानों के जरिए बौद्ध धर्म पर पाठ्यक्रमों के विकास के लिए दी जा रही उच्च प्राथमिकता के बारे में भी बताया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में चर्चा करते हुए श्री रेड्डी ने कहा,”हमारे प्रधानमंत्री ने बौद्ध देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए इसे अपने कर्तव्य (धर्म) के रूप में लिया है और कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन इस दिशा में एक और कदम है जो भगवान बुद्ध से जुड़े इस पूज्यनीय स्थल की यात्रा करने के लिए दुनिया भर के बौद्ध भिक्षुओं और तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा।”

श्री रेड्डी ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र उन क्षेत्रों में से एक है जो कोविड महामारी से सबसे पहले और बुरी तरह प्रभावित हुआ। हालांकि, विशेष रूप से पहाड़ी राज्यों में पुनरुद्धार के संकेत बहुत उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे से संबंधित अधिक पहलों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। श्री रेड्डी ने कहा कि पर्यटन हितधारकों को राहत प्रदान करने के लिएएक ऋण योजना को अंतिम रूप दिया गया और उसे प्रकाशित किया गया है जिसके तहत मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटर 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए पात्र हैं। मान्यता प्राप्त गाइड (क्षेत्रीय स्तर के गाइड के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित गाइड) भी इस योजना के तहत एक लाख रुपये के ऋण के लिए पात्र होंगे। श्री रेड्डी ने यह भी बताया कि एक व्यापक राष्ट्रीय पर्यटन नीति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने पर्यटन हितधारकों को समग्र गंतव्य के रूप में भारत की ब्रांड छवि स्थापित करने में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में नागरिक उड्डयन विभाग और पर्यटन विभाग के महत्व के बारे में चर्चा की। श्री सिंधिया ने समाज के हर वर्ग के लिए आरसीएस उड़ान जैसी योजनाओं के माध्यम से उड़ान कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के समान वितरण के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण पर जोर दिया। श्री सिंधिया ने इस तथ्य के बारे में सांख्यिकीय साक्ष्य भी दिए कि नागरिक उड्डयन और पर्यटन विभाग में रोजगार गुणक प्रभाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय छोटेगंतव्यों तक उड्डयन की बेहतर पहुंच को सुगम बनाने के लिए एक अभियान चला रहा है।

भारत में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थलों के साथ एक समृद्ध प्राचीन बौद्ध विरासत है। बुद्ध की भूमि– भारत में दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों/विद्वानों को आकर्षित करने की जबरदस्त क्षमता है। भारतीय बौद्ध विरासत दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत रुचिकर है। कुशीनगर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। भगवान बुद्ध ने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया जो भारत के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है। कुशीनगर में प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में बौद्धों के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक प्राचीन महापरिनिर्वाण मंदिर, रामभर स्तूप,कुशीनगर संग्रहालय, सूर्य मंदिर,निर्वाण स्तूप,मठ कुआर तीर्थ,वाट थाई मंदिर, चीनी मंदिर,जापानी मंदिर आदि शामिल हैं।

कुशीनगर में पूरी तरह कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ बौद्ध देशों से तीर्थयात्रा को भी बढ़ावा देगा क्योंकि बड़ी संख्या में भगवान बुद्ध के अनुयायी बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल (वह स्थान जहां बुद्ध ने अंतिम सांस ली थी) के रूप में मशहूर इस महत्वपूर्ण स्थान की यात्रा करने में सक्षम होंगे। इस उन्नत हवाई अड्डे के कार्यरत होने और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को संभालने के लिए तैयार होने के बाद कुशीनगर के लिए पर्यटन के अवसरों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश और बिहार में बौद्ध तीर्थयात्रा सर्किट को तेजी सेबढ़ावा देने के अलावा,यह क्षेत्र में पर्यटन और आतिथ्य में वृद्धि करेगा, विशेष रूप से श्रीलंका,जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आने वाले पर्यटकों को सर्वोच्च कोटि की सेवाएं सुलभ होंगी।

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इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा,कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा विश्व स्तरीय बौद्ध सर्किट के बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगा और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के विकास में काफी योगदान करेगा,जिसमें भगवान बुद्ध से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण स्थल होगा। मंत्रालय के अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा कार्यक्रम के साथ,पर्यटकों को उनके यात्रा अनुभव को बढ़ाने में मदद करने के लिए उच्च योग्यता वाला एक बड़ा कार्यबल भी तैयार किया जा रहा है।

पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन (एसडी) और (पीआरएएसएचएडी) प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन) जैसी अपनी बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं के तहत देश भर के पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे का विकास करता है। पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत 2014 से लेकर अब तक विभिन्न विषयों के तहत 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के बौद्ध विषय के तहत कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। एसडी योजना के बौद्ध सर्किट के तहत,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्यों में पर्यटन मंत्रालय द्वारा कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन) के तहत आंध्र प्रदेश,उत्तर प्रदेश और सिक्किम राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। साथ ही, पर्यटन मंत्रालय ने आइकॉनिक पर्यटन स्थल विकास योजना के तहत इन स्थलों के आसपास समग्र विकास के लिए विभिन्न स्थलों की पहचान की है। इन स्थलों में तीन प्रमुख बौद्ध केंद्र अजंता (महाराष्ट्र), एलोरा (महाराष्ट्र) और बोधगया (बिहार) शामिल हैं। योजना के तहत पहचाने गए कार्यों में कनेक्टिविटी सुधार,मुख्य पर्यटन उत्पाद, सहायक बुनियादी ढांचा, क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास,ब्रांडिंग एवं प्रचार,डिजिटल हस्तक्षेप आदि शामिल हैं।

कुशीनगर और पूरी बौद्ध सर्किट की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और उन्हें उजागर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, पर्यटन मंत्रालय ने “बौद्ध सर्किट में पर्यटन- एक कदम आगे” पर सम्मेलन आयोजित किया है। दो दिवसीय सम्मेलन में सत्र होंगे जो बौद्ध धर्म को व्यापक रूप से उजागर करेगा और पर्यटन हितधारकों, विद्वानों और मीडिया से सुझाव भी एकत्र करेगा और इसका इस्तेमाल सर्किट को आगंतुकों के लिएअविस्मरणीय अनुभव में बदलने के लिए नए उपाय तय करने में किया जाएगा।

इन सामूहिक प्रयासों से इस क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है और यह बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पैदा करेगा।

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