भारी उद्योग मंत्रालय ने लगभग 827 करोड़ रुपये की राशि के बराबर मांग प्रोत्साहन के माध्यम से 1 फरवरी, 2022 तक फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण के तहत 2,31,257 इलेक्ट्रिक वाहनों की सहायता दी

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित अंगीकरण एवं विनिर्माण (हाइब्रिड) स्कीम (फेम इंडिया) के दूसरे चरण के तहत लगभग 827 करोड़ रुपये की राशि के बराबर मांग प्रोत्साहन के माध्यम से 1 फरवरी, 2022 तक 2,31,257 इलेक्ट्रिक वाहनों की सहायता की गई है। इसके अतिरिक्त, भारी उद्योग मंत्रालय ने स्कीम के तहत 26 राज्यों में इंट्रासिटी एवं इंटरसिटी प्रचालनों के लिए 65 शहरों/एसटीयू/सीटीयू/राज्य सरकार निकायों को 6315 ई-बसों की भी मंजूरी दी है। मंत्रालय ने फेम इंडिया (इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित अंगीकरण एवं विनिर्माण (हाइब्रिड) स्कीम) के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2877 चार्जिंग स्टेशनों की भी मंजूरी दी है। इस स्कीम के तहत 28 जनवरी, 2022 तक पचास मौलिक उपकरण विनिर्माताओं (स्टार्ट-अप एवं स्थापित विनिर्माताओं दोनों ही) ने अपने 106 इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों का पंजीकरण और पुनर्वैधीकरण कराया है। बिजली से चलने वाले दुपहिया वाहनों की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कई गुना बढ़ गई है।

इसके अतिरिक्त, भारतीय ऑटोमोबाइल विनिर्माता सोसाइटी (सियाम) की रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो उद्योग प्रत्येक ट्रक के लिए 13 व्यक्तियों, प्रत्येक कार के लिए 6 व्यक्तियों तथा प्रत्येक तिपहिया के लिए चार व्यक्तियों एवं प्रत्येक दुपहिया के लिए एक व्यक्ति के रोजगार का सृजन करता है।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) 2020 एक राष्ट्रीय मिशन दस्तावेज है जो देश में बिजली से चलने वाले वाहनों के त्वरित अंगीकरण तथा उनके विनिर्माण के लिए विजन तथा रोडमैप उपलब्ध कराता है। इस योजना की रूपरेखा राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा बढ़ाने, निम्न लागत एवं पर्यावरण के अनुकूल परिवहन उपलब्ध कराने तथा भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक विनिर्माण नेतृत्व अर्जित करने में सक्षम बनाने के लिए की गई थी। एनईएमएमपी 2020 के हिस्से के रूप में, भारी उद्योग मंत्रालय ने 2015 में भारत में इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों (एक्स-ईवी) के अंगीकरण को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया स्कीम नामक एक योजना का निर्माण किया। इस स्कीम का पहला चरण 895 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 31 मार्च, 2019 तक उपलब्ध था। फेम इंडिया स्कीम के इस चरण के चार फोकस क्षेत्र अर्थात प्रौद्योगिकीय विकास, मांग सृजन, प्रायोगिक परियोजना तथा चार्जिंग अवसंरचना कंपोनेंट थे। स्कीम के पहले चरण में, लगभग 359 करोड़ रुपये के कुल मांग प्रोत्साहन के साथ लगभग 2.8 लाख एक्स-ईवी की सहायता की गई। इसके अतिरिक्त, जैसाकि स्कीम के पहले चरण के तहत अनुमोदित है, 425 इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड बसों को लगभग 280 करोड़ रुपये सरकारी प्रोत्साहन के साथ देश के विभिन्न शहरों में उपयोग में लाया गया है। भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया स्कीम के प्रथम चरण के तहत लगभग 43 करोड़ रुपये के बराबर के लगभग 520 चार्जिंग स्टेशनों/ बुनियादी ढांचों की भी मंजूरी दी थी।

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लगभग 158 करोड़ रुपये के बराबर की परियोजनाएं ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, नौन फेरस मैटेरियल टेक्नोलॉजी डेवेलपमेंट सेंटर (एनएफटीडीसी), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आदि जैसे विभिन्न संगठनों/संस्थानों को प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं जैसे कि परीक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना, बिजलीकृत परिवहन में उन्नत अनुसंधान के लिए ‘उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना, बैटरी इंजीनियरिंग आदि की स्थापना के लिए मंजूर की गई है। फेम इंडिया स्कीम के पहले चरण के दौरान अर्जित परिणाम तथा अनुभव के आधार पर तथा उद्योग एवं उद्योग संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ विचार विमर्श करने के बाद सरकार ने कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ 1 अप्रैल, 2019 से आरंभ होकर पांच वर्षों की अवधि के लिए फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण को अधिसूचित किया। यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक तथा साझा परिवहन के विद्युतीकरण की सहायता करने पर फोकस करता है तथा इसका लक्ष्य 7090 ई-बसों, 5 लाख ई-तिपहियों, 55,000 ई-चार पहिया यात्री कारों तथा 10 लाख ई-दुपहियों के मांग प्रोत्साहन के जरिये सहायता उपलब्ध कराना है। इसके अतिरिक्त, चार्जिंग बुनियादी ढांचों के सृजन को भी इस स्कीम के तहत सहायता प्रदान की जाती है।

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फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण को निम्नलिखित तीन घटकों का अनुसरण करने के जरिये कार्यान्वित किया जा रहा है:

1) मांग प्रोत्साहन

2) चार्जिंग केंद्रों के नेटवर्क की स्थापना

3) प्रचार, आईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) गतिविधियों सहितत स्कीम का प्रशासन।

यह जानकारी आज राज्य सभा में भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा एक लिखित उत्तर में दी गई।

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