केन्‍द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने ‘पूर्वोत्तर एमएसएमई सम्मेलन: अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता का निर्माण’ को संबोधित किया

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केन्‍द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि केन्‍द्र सरकार सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रही है और वर्तमान बजट ने इन उद्यमों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के बारे में जोर दिया है।

केन्‍द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘पूर्वोत्तर एमएसएमई सम्‍मेलन: अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता का निर्माण’ को संबोधित किया।

उन्‍होंने एमएसएमई क्षेत्र को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया और इस बात पर जोर दिया कि इसे आत्‍मनिर्भर भारत की यात्रा का नेतृत्‍व करना चाहिए।

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उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि एमएसएमई ‘अमृत काल’ के अगले 25 वर्षों में देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, खनिज आधारित उद्योग, आईटी, बुनियादी ढांचा के लिए व्‍यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में समावेशी विकास लाने के लिए इस अपार संभावना का लाभ उठाने की जरूरत है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस तथ्‍य पर भी जोर दिया कि केन्‍द्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के बारे में प्रतिबद्ध रही है और उसने इस बारे में कई उपाए किए हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर (पीएम-डिवाइन) योजना के लिए अभी हाल में घोषणा की गई 1,500 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विकास पहल इस क्षेत्र के लिए एक बोनस सिद्ध होगी।

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उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र उभरते हुए अनेक नए अवसरों के साथ विकास के नए चरण में प्रवेश कर रहा है और इस बदलते प्रतिमान का अधिक-से-अधिक लाभ उठाए जाने की जरूरत है।

श्री रेड्डी ने यह भी अनुरोध किया कि समग्र विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह प्रासंगिक है कि एमएसएमई सहित सभी हितधारकों को बेहतर भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए जीवंत यात्रा शुरू करने हेतु मिलकर काम करने की जरूरत है।

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