प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बजट पर हितधारकों के बीच जागरूकता व स्वामित्व की भावना उत्पन्न करने के लिए कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए ‘स्मार्ट कृषि’ पर वेबिनार का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र को पर्याप्त प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया था। इस नवगठित सहकारिता मंत्रालय का प्रभार केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को दिया गया है। यह मंत्रालय अपने गठन के बाद श्री अमित शाह के सक्षम नेतृत्व में निरंतर प्रगति करते हुए नई सहकारी नीति और योजनाओं के प्रारूप तैयार करने का काम कर रहा है।

इस संदर्भ में बजट पर हितधारकों के बीच जागरूकता व स्वामित्व की भावना उत्पन्न करने के लिए केंद्र सरकार ने आज कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए ‘स्मार्ट कृषि’ विषयवस्तु पर एक वेबिनार का आयोजन किया। सहकारिता मंत्रालय ने भी ‘सहकारिता के जरिए समृद्धि’ विषयवस्तु पर वेबिनार में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वेबिनार का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने एक नया सहकारिता मंत्रालय गठित किया है, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को एक सफल व्यावसायिक उद्यम में रूपांतरित करना है।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय नई सहकारिता नीति के साथ-साथ कई नई योजनाएं लाने की प्रक्रिया में है। इसमें हितधारकों के दिए गए विभिन्न सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।

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मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सहकारिता मंत्रालय के इस वेबिनार की अध्यक्षता की। इसमें केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा ने भी हिस्सा लिया। वहीं, पशुपालन व डेयरी सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी, सहकारिता सचिव श्री देवेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस वेबिनार में सहकारिता के क्षेत्र से संबंधित विभिन्न संगठनों जैसे कि अमूल, नेशनल कॉपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई), नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कॉपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसायटीज लिमिटेड (एनएएफसीयूबी), इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (इरमा) और वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान (वामनिकॉम) व राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

इस वेबिनार में बजट 2022-23 के विभिन्न प्रावधानों और सहकारिता से संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई। यह निम्नलिखित हैं:

• नवगठित मंत्रालय के लिए 900 करोड़ रुपये के बजट आवंटन का प्रस्ताव।

• सहकारी समितियों पर न्यूनतम वैकल्पिक कर 18.5 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की घोषणा।

• एफपीओ के अनुरूप 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये की आय वाली सहकारी समितियों पर अधिभार 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने की घोषणा।

• प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण के लिए 350 करोड़ रुपये की विशेष राशि का प्रस्ताव।

• “सहकारिता से समृद्धि” के लिए वर्ष 2022-23 में 274 करोड़ रुपए का प्रस्ताव।

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इसके अलावा वेबिनार के दौरान सहकारिता मंत्रालय से संबंधित निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की गई:

1. प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण

2. सहकारी समितियों के राष्ट्रीय डेटाबेस के निर्माण की योजना

3. सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण योजना

4. सहकारी ऋण गारंटी निधि

5. सहकारिता से समृद्धि योजना

6. राष्ट्रीय सहकारिता नीति

 

इस वेबिनार के दौरान विभिन्न संगठनों और राज्य सरकारों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इनमें उपयोगकर्ता-उन्मुख डेटाबेस साझाकरण व पहुंच की नीति का निर्माण और जमीनी स्तर पर ऋण प्रदान करने को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय महत्व के एक स्वायत्त संस्थान के रूप में पुणे स्थित वामनिकॉम की स्थापना, सहकारी क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट का निर्माण, ब्रांडिंग को मजबूत करना, सहकारी क्षेत्र में विपणन, उत्पाद विविधता सुनिश्चित करना और स्टार्ट-अप के माध्यम से आधुनिक तकनीक व नवाचार का उपयोग करना शामिल है।

इस एकदिवसीय वेबिनार के माध्यम से इस बात को रेखांकित किया गया कि सहकारिता देश के सामाजिक- आर्थिक ढांचे की रीढ़ है और यही एकमात्र मॉडल है, जो समावेशी विकास लाता है। इस वेबिनार के प्रतिभागियों से अनुरोध किया गया कि वे अपने सुझाव [email protected] पर भेज सकते हैं।

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