भारत ने आईपी नवोन्मेषण परितंत्र के संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित कर ली है जिसमें 11 वर्षों में पहली बार, जनवरी-मार्च 2022 के दौरान घरेलू पेटेंट दायर किए जाने की संख्या भारत में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग की संख्या से अधिक हो गई, अर्थात दायर किए गए कुल 19796 पेटेंट आवेदनों में से भारतीय आवेदकों द्वारा 10706 पेटेंट आवेदन दायर किए गए जबकि गैर भारतीयों ने 9090 आवेदन दायर किए। इसका निम्नानुसार प्रतिनिधित्व किया गया है:
गैर भारतीय आवेदकों की तुलना में भारतीय आवेदकों द्वारा दायर तिमाही वार पेटेंट आवेदन
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारत में आईपीआर व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और अनुपालन बोझ में कमी लाने के जरिये डीपीआईआईटी द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों की सराहना की। डीपीआईआईटी तथा आईपी कार्यालय के समन्वित प्रयासों के कारण समाज के सभी वर्गों के बीच आईपी जागरूकता में बढ़ोतरी हुई है। इन प्रयासों के कारण जहां एक तरफ आईपीआर दायर करने की संख्या में वृद्धि हुई है तो वहीं दूसरी तरफ आईपी कार्यालयों में पेटेंट आवेदन की विचाराधीन अवधि में कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह भारत को वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के एक कदम और निकट ले जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा की गई कुछ प्रमुख पहलों ने भारत की आईपी व्यवस्था को मजबूत बनाया है जिसमें ऑनलाइन फाइलिंग पर 10 प्रतिशत की छूट, स्टार्ट-अप्स, छोटी संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80 प्रतिशत शुल्क रियायत तथा अन्य वर्गों के साथ साथ स्टार्ट-अप्स, और एमएसएमई के लिए त्वरित परीक्षा के प्रावधान शामिल हैं।
राष्ट्रीय आईपीआर नीति द्वारा निर्धारित आधारशिला तथा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की बदौलत भारत ने निम्नलिखित उपलब्धियां अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है :
पिछले वर्षों के दौरान पेटेंट आवेदनों की फाइलिंग तथा प्रदान किया जाना
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एमजी/एएम/एसकेजे