“लिंग घटक अब अंतर-सरकारी वित्तीय हस्तांतरण का अभिन्न अंग है”: महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा है कि महिलाओं का स्वास्थ्य और सशक्तिकरण सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों का अभिन्न अंग बन गए हैं। आज मुंबई में पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों और हितधारकों के क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुएश्रीमीत ईरानी ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ चुनौतियों का समाधान करके महिलाओं के स्वाभिमान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

 

क्षेत्रीय सम्मेलन का फोकस तीन महत्वपूर्ण विषयों जैसे महिलाओं और बच्चों के पोषण से संबंधित मिशन पोषण 2.0, महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मिशन शक्ति, और प्रत्येक बच्चे के लिए एक खुशहाल और स्वस्थ बचपन हासिल करने के उद्देश्य से मिशन वात्सल्य पर है।

 

महिला संबंधित योजना के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित

श्रीमती ईरानी ने केंद्रीय बजट 2022-23 का उल्लेख करते हुए बताया कि महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए आवंटन में 14% की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि, “केंद्रीय बजट 2022-23 में हमारे देश में महिलाओं के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हम पहली सरकार और ऐसा पहला देश हैं जिसने हमारे अंतर-सरकारी वित्तीय हस्तांतरण में लिंग घटक को अभिन्न अंग बनाया है।

श्रीमती ईरानी ने आगे कहा कि यह एक प्रशासनिक विरासत रही है कि राज्य वित्तीय वर्ष के अंत में योजनाओं को लागू करने में आई चुनौतियों की बात करते हुए केंद्र के पास आते हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए, केंद्र लगातार राज्यों और हितधारकों तक सहकारी संघवाद की भावना से संपर्क कर रहा है और इसलिए देश भर में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार कहा है कि विकास तभी संभव होगा जब राज्य सहकारी संघवाद की सच्ची भावना से केंद्र के सहयोग से काम करेंगे।”

स्वच्छ भारत मिशन और उसका योगदान

 

केंद्रीय मंत्री श्री ईरानी ने अपने भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को लाभान्वित और सशक्त कर रही हैं। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ने 11 लाख से अधिक शौचालयों के निर्माण के साथ यह सुनिश्चित किया है कि महिला के हर दिन की शुरुआत स्वच्छता से हो। श्रीमती ईरानी ने आगे कहा कि एक साल के भीतर 4 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि लड़कियों के लिए अलग शौचालय के अभाव में लड़कियों का ड्रॉप आउट अनुपात (पढ़ाई के बीच ही में स्कूल छोड़ने का अनुपात) पहले 23% था।

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श्रीमती ईरानी ने कहा कि यह पहली बार है कि किसी देश के प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के मासिक धर्म की स्वच्छता के बारे में बात की है, जो साबित करता है कि महिलाओं से संबंधित मामले सरकार की प्राथमिकता हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि “लैंगिक न्याय एक सहयोगात्मक अभ्यास होना चाहिए और इसे अकेले महिलाओं पर नहीं छोड़ा दिया जाना चाहिए”।

 

आयुष्मान भारत और महिलाओं का स्वास्थ्य

 

श्रीमती ईरानी ने कहा कि आयुष्मान भारत ने पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा का दायरा बढ़ाया है और इसमें महिलाओं की संख्या 45 करोड़ तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि “पहले यह कहा जाता था कि सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाओं के कारण महिलाएं स्तन कैंसर या गरदन के कैंसर आदि के इलाज के लिए सामने नहीं आएंगी। लेकिन, ऐसे संदेह गलत साबित हुए हैं और लगभग 7 करोड़ महिलाओं ने खुद की जांच कराई है और जिन्हें जरूरत है उनका इलाज चल रहा है।”

 

हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए 300 और वन स्टॉप सेंटर

 

केंद्रीय मंत्री श्रीमती ईरानी ने महिला सुरक्षा के बारे में बात करते हुए कहा कि देश में 704 वन स्टॉप सेंटर काम कर रहे हैं और महिला हेल्पलाइन के सहयोग से, 70 लाख महिलाओं को केंद्र और राज्यों, दोनों सरकारों से संयुक्त रूप से मदद मिली है। श्रीमती ईरानी ने आगे बताया कि जल्द ही 300 और वन स्टॉप सेंटर खोले जाएंगे। वनस्टॉप सेंटर (ओएससी) का उद्देश्य निजी और सार्वजनिक स्थानों पर परिवार के अंदर, समुदाय और कार्यस्थल पर हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायता करना है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि निर्भया कोष के माध्यम से 2014-21 के बीच महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से 9,000 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया गया है।

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श्रीमती ईरानी ने एक अंतर्राष्ट्रीय विकास रिपोर्ट का हवाला देते हुएकहा कि भारत में महिलाओं द्वारा घरों के लिए केवल पानी लाने में 15 करोड़ कार्य दिवस बर्बाद किए गए। उन्होंने कहा कि जल शक्ति मिशन के तहत ‘हर घर नल और जल’ योजना से देश के 9.33 करोड़ घरों में नल का जल पहुंचाने में मदद मिली है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र मुंजपारा ने कहा कि देश में महिला एवं बाल विकास कार्यों को मजबूत करने के लिए मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के अलावा सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 चार मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 12.56 लाख पक्के आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से अधिकांश में शौचालय, पीने के पानी की उपलब्धता और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि शेष आंगनबाड़ियों को भी जल्द ही मानक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास सचिव श्री इंदेवर पांडेय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से सम्मिलन संरचना बनाने का आग्रह किया, जैसा कि केंद्र में किया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य, पंचायत, ग्रामीण विकास, शहरी विकास जैसे सभी राज्य विभाग महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए योजनाओं को लागू करने में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर काम कर सकें।

 

 

इस अवसर पर महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर और महाराष्ट्र सरकार में महिला एवं बाल विकास सचिव सुश्री आई ए कुंदन ने भी पर अपने विचार व्यक्त किए। इस एक दिवसीय सम्मेलन में महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली, दमन एवं दीव के प्रतिनिधियों और हितधारकों ने भाग लिया।

 

 

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