दीर्घायु वित्त पर विशेषज्ञ समिति ने जीआईएफटी-आईएफएससी में दीर्घायु (लॉन्जेविटी) हब स्थापित करने की सिफारिश की

अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने दीर्घायु वित्त पर विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। जिसके सह-अध्यक्ष सुश्री काकू नखाटे कंट्री हेड (इंडिया) बैंक ऑफ अमेरिका और श्री गोपालन श्रीनिवासन, पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड है। इस समिति ने 12 अप्रैल, 2022 को अपनी अंतिम रिपोर्ट आईएफएससी के अध्यक्ष को प्रस्तुत की है।

इस समिति ने विश्व स्तर पर दीर्घायु अर्थव्यवस्था के उभरते हुए रुझानों की जांच की और यह पाया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग अभी भी क्रय शक्ति के मामले में बहुत अधिक उत्पादक जनसांख्यिकीय समूह जो, 15 ट्रिलियन डॉलर की वैश्विक क्रय शक्ति के साथ वित्तीय प्रणाली के सबसे धनी हिस्सा हैं।

दीर्घायु उद्योग की प्रगति के लिए वित्तीय सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इस समिति ने जीआईएफटी-आईएफएससी में पहले वैश्विक दीर्घायु हब (जीएलएच) की स्थापना करने की सिफारिश करते हुए यह सुझाव दिया है कि इस हब को शीर्ष कॉरपोरेट और वित्तीय संस्थानों के जैसे बैंक, पेंशन निधियों, परिसम्पत्ति, प्रबंधन निधियों और बीमा कंपनियों आदि जैसे वित्तीय संस्थानें की समन्वय में विभिन्न दीर्घायु वित्तीय समाधानों का प्रस्ताव करके दीर्घायु अर्थव्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

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विशेषज्ञ समिति की सह-अध्यक्ष सुश्री काकू नखाटे ने कहा, “स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति ने मनुष्यों के जीवनकाल में बढ़ोतरी की है। आईएफएससी में एक मजबूत दीर्घायु वित्तीय हब के निर्माण का दीर्घकालिक विज़न धन प्रबंधन, बीमा, पेंशन, सिल्वर उद्यमिता और चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्रों में अवसर जुटा सकता है। इससे आईएफएससी को दीर्घायु वित्त में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने में मदद मिलेगी और बेबी बूमर्स, जनरल एक्स और जनरल वाई कोहॉर्ट्स की जरूरतों से तुरंत निपटने तथा सहस्त्राब्दि के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। मैं वैश्विक बैंकों, बीमा कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और फिनटेक और हेल्थ-टेक को यहां दुकानें खोलने के लिए प्रोत्साहित करूंगा ताकि विश्व के लिए एक विशिष्ट दीर्घायु हब का सृजन हो सके।”  

विशेषज्ञ समिति के सह-अध्यक्ष श्री गोपालन श्रीनिवासन ने कहा, “यह एक महान अभियान है जिसका बुजुर्ग (सिल्वर) पीढ़ी की भूमिका पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईएफएससीए की तरफ से दीर्घायु वित्त के बारे में विशेषज्ञ समिति स्थापित करने और  आईएफएससी में दीर्घायु वित्त केन्द्र विकसित के महत्व की पहचान करने के लिए एक अग्रणी प्रयास रहा है। यह हब कौशल विकास, उद्यमशीलता विकास पर ध्यान केन्द्रित करेगा और बुजुर्ग पीढ़ी के लिए वित्तीय और बीमा उत्पादों की मांग को भी पूरा करेगा।”

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आईएफएससीए के अध्यक्ष ने विशेषज्ञ समिति को उनकी बहुमूल्य सिफारिशों के लिए धन्यवाद देते हुए सतत वित्त के समग्र ढांचे के तहत जीआईएफटी आईएफएससी में एक प्राथमिकता के रूप में दीर्घायु वित्त को बढ़ावा देने के विचार का समर्थन किया।

इस समिति के सदस्यों में बैंकिंग, बीमा, धन प्रबंधन, फिनटेक, कानून, अनुपालन और प्रबंधन परामर्श जैसे विभिन्न क्षेत्रों सहित पूरे दीर्घायु वित्त इको-सिस्टम के दिग्गज शामिल थे।

समिति की रिपोर्ट निम्नलिखित वेबलिंक के माध्यम से देखी जा सकती है:

https://ifsca.gov.in/Viewer/ReportandPublication/29

 

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एमजी/एएम/आईपीएस/डीके