केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नगर पालिका के बुनियादी ढांचे पर बल दिया: कहा-जम्मू-कश्मीर के लिए अधिक रोजगार सृजित करने और समग्र समृद्धि के लिए कृषि से विनिर्माण क्षेत्र में परिवर्तन महत्वपूर्ण है

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री, डॉक्टर जितेंद्र सिंह, ने जम्मू-कश्मीर के शहरी स्थानीय निकायों के महापौरों/अध्यक्षों और नगर आयुक्तों/मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए शहरी प्रशासन पर अनुकूलन कार्यशाला/कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नगरपालिका के बुनियादी ढांचे पर बल दिया है। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के अध्यक्ष का भी पदभार संभाल रहे डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के छोटे और मझोले शहर, विशेष रूप से कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, बुनाई उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के विकास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नगरपालिका के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए कृषि क्षेत्र से विनिर्माण क्षेत्र की ओर परिवर्तन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसने विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से आर्थिक विकास और निवेश की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये कदम राज्य की आर्थिक रूपरेखा में बदलाव लाएंगे और विनिर्माण और सेवाओं में रोजगार के अधिक अवसर सृजित करेंगे।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पास जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए बड़ी योजनाएं हैं और उसी के अनुसार हमने 74वें संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित निकायों के साथ, भारत सरकार के शहरी मिशनों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, पर्यावरण, आवागमन, पानी और स्वच्छता को लागू करने से पूर्ण रूप से विकास होगा।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय अनुकूलन कार्यक्रम सरकारी मिशनों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में उपयुक्त जानकारी प्रदान करेगा। उन्होंने संतोष व्यक्त करते के साथ कहा कि राज्य के शहर स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), आजीविका प्रोत्साहन, अमृत (अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन) योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, और पीएम स्वनिधि योजना, जो रेहड़ी पटरी वाले विक्रेताओं को डिजिटल लेनदेन करने में मदद कर रहे हैं और कार्यशील पूंजी ऋण और समय पर पुनर्भुगतान पर रियायतें दे रहे हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि पानी, स्वच्छता, आवागमन और आवासन ध्यान देने के प्रमुख क्षेत्र हैं।

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उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर को नल से जल प्रदान करने पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश ने सभी शहरी क्षेत्रों के लिए ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) का दर्जा हासिल कर लिया है। स्मार्ट सिटीज मिशन बुनियादी ढांचा और प्रशासन प्रदान कर रहा है, जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना-पीएमएवाई किफायती आवास उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैश्विक उदाहरणों के आलोक में, भारत ने शहरी क्षेत्रों के भीतर और आसपास विनिर्माण और सेवाओं के विस्तार का अनुसरण किया है और यह गैर-कृषि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद का 86 प्रतिशत हिस्सा प्रदान कर रहा है जबकि केवल 35 से 40 प्रतिशत आबादी शहरी भारत में निवास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश में दिखाई देता है कि शहरीकरण के औसत स्तर से ऊपर वाले राज्यों में प्रति व्यक्ति आय बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा आदि जैसे शहरीकरण के निम्न स्तर वाले राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है। गुजरात, उत्तर प्रदेश से लेकर तमिलनाडु जैसे राजयों ने या तो 50 प्रतिशत का आंकड़ा (तमिलनाडु) प्राप्त कर लिया है या शहरीकरण के काफी करीब हैं।

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जम्मू-कश्मीर के बारे में फिर से बातचीत करते हुए डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 में केंद्र शासित प्रदेश में 27 प्रतिशत शहरी आबादी थी और यह शहरीकरण के आधे रास्ते की ओर बढ़ने की चुनौती है, जिसका अर्थ है आने वाले दशकों में उद्योगों और निवेश पर अधिक ध्यान देना होगा। इस यात्रा प्रक्रिया का अर्थ है कि हमारे शहरी मिशनों द्वारा शुरू की गई नगरपालिका सेवाओं और बुनियादी ढांचे के लिए शहरी क्षेत्र के सुधारों को प्रभावी ढंग से तेज करना है। डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने यह रेखांकित किया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नगर निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्योंकि ये नेता जमीनी स्तर के नेताओं का एक समूह बनाते हैं और लोकतंत्र के हमारे संघीय ढांचे में निचले स्तर के नेतृत्व को बढ़ावा देना।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने अपने समापन भाषण में कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आईआईपीए द्वारा इस पाठ्यक्रम के आयोजन का भारत@2047 के लिए हमारी योजनाओं के मद्देनजर विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों के दौरान भारत अर्ध-शहरी (25 प्रतिशत से अधिक) से शहरी बहुसंख्यक समाज की ओर परिवर्तन से गुजरेगा और आर्थिक विकास और शहरीकरण साथ-साथ चलेगा। मंत्री महोदय ने आशा व्यक्त की कि शहरी प्रशासन पर यह तीन दिवसीय कार्यक्रम हमारे प्रत्येक निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए जीता जागता विषय और एजेंडा प्रदान करेगा और राज्य को स्वच्छ, हरा-भरा और उत्पादक शहर बनाने के हमारे प्रयासों को और बढ़ावा प्रदान करेगा।

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