भारत और जर्मनी को वैज्ञानिक महत्व के क्षेत्रों को संयोजित करने की जरूरत : विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर ने डीएसटी तथा डीएफजी के बीच अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण समूह के लिए प्रस्तावों के हाल में लॉन्च किए गए कॉल को बढ़ावा देने के लिए लोकसंपर्क कार्यकलाप के एक हिस्से के रूप में एक ऑनलाइन तरीके से आयोजित वेबीनार में भारत और जर्मनी के वैज्ञानिक महत्व के साथ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को संयोजित करने पर बल दिया।

प्राथमिकता क्षेत्रों में सतत ऊर्जा प्रौद्योगिकी, (उत्पादन, रूपांतरण एवं भंडारण), पर्यावरण एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जैव आधारित अर्थव्यवस्था, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए जैव आधारित सामग्री, खाद्य एवं कृषि प्रौद्योगिकी, किफायती स्वास्थ्य देखभाल (फार्मास्यूटिकल्स और बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेटेशन सहित), उन्नत विनिर्माण के लिए प्रौद्योगिकीयां तथा सभी कार्य क्षेत्रों में एआई तथा मशीन लर्निंग का समेकन शामिल है।

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जर्मन रिसर्च फाउंडेशन के डीएफजी के अध्यक्ष प्रो. डॉ. काटजा बेकर ने रेखांकित किया कि यह कार्यक्रम भारत-जर्मनी साझीदारियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ होगा। यह वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए उपयोगकर्ताओं से एकत्र डाटा के विश्लेषण (बौटम-अप दृष्टिकोण) के माध्यम से मजबूत अनुसंधान सहयोग तैयार करेगा।

डीएसटी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रभाग के प्रमुख श्री एस. के. वार्ष्णेय ने सुझाव दिया कि यह कार्यक्रम न केवल एक बडे उद्देश्य को अर्जित करेगा बल्कि वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं के बीच इस प्रकार से प्रशिक्षित एवं क्षमता निर्माण भी करेगा जो भविष्य की अन्य वैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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डीएफजी के डिवीजन रिसर्च कैरियर्स के उप प्रमुख डॉ. काटजा फेटेल्सचो ने उम्मीद जताई कि यह नया प्लेटफार्म भारत और जर्मनी के बीच दीर्घकालिक साझीदारी का निर्माण करेगा तथा इस कार्यक्रम में युवा शोधकर्ताओं की सहभागिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

आईआरटीजी के इस ऑनलाइन वेबीनार में दोनों देशों के विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों के 80 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे तथा उन्होंने डीएसटी के अंतरराष्ट्रीय प्रभाग (डॉ. राजीव कुमार, वैज्ञानिक-ई ) तथा डीएफजी ( श्री मार्टिन रोट्सच ( रिसर्च कैरियर्स, आईआरटीजी टीम, डीएफजी) के अधिकारियों के साथ संयुक्त आईआरटीजी कॉल के तहत ऐप्लीकेशन प्रक्रिया के विवरणों के बारे में अपने प्रश्नों के साथ चर्चा की।

 

 

 

 

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