केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने देरी से होने वाले भुगतान के मुद्दे के समाधान के लिए इसके सभी हितधारकों से समन्वित प्रयास करने का आह्वाहन किया है। मंगलवार को एमएसएमई पर देरी से होने वाले भुगतान के प्रभाव पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद श्री राणे ने कहा कि खरीदारों से विलंबित भुगतान एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को कमजोर करता है और उनके विकास में बाधा डालता है। उन्होंने बताया कि सरकार इस समस्या के समाधान के लिए कई कदम उठा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समस्या की जटिलता को देखते हुए एक स्थायी समाधान के लिए सभी हितधारकों यानी खरीदार, समाधान प्रदाता और एमएसएमई को एक साथ आने की जरूरत होगी। मंत्री ने भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर के बनने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
इस रिपोर्ट को शीर्षक ‘अनलॉकिंग द फुल पोटेंशियल ऑफ इंडियाज एमएसएमई थ्रू प्राम्प्ट पेमेंट्स’ के साथ ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (गेम) व डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (डीएंडबी) इंडिया ने तैयार किया है। इसमें ओमिडायर नेटवर्क ने सहायता की है, जो देरी से होने वाले भुगतान को व्यापक रूप से कवर करता है और एमएसएमई के अस्तित्व व विकास, आपूर्ति श्रृंखला और समग्र अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को देखता है।
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एमजी/एमए/एचकेपी