प्रधानमंत्री ने वडोदरा में गुजरात गौरव अभियान में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वडोदरा में गुजरात गौरव अभियान में भाग लिया। उन्होंने 21,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर लाभार्थी, मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, केन्द्रीय एवं राज्य के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उनके लिए मातृ वंदना का दिन है। उन्होंने अपने दिन की शुरुआत अपनी मां, जिन्होंने आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश किया है, से आशीर्वाद मांग कर की। उसके बाद उन्होंने पावागढ़ पहाड़ी पर श्री कालिका माता के पुनर्विकसित मंदिर का उद्घाटन किया, जहां उन्होंने देश के लिए प्रार्थना की और देवी से देश की सेवा करने एवं अमृत काल में देश के संकल्प की सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद उन्होंने इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद ‘मातृ शक्ति’ को नमन किया।

आज के कार्यक्रम की 21,000 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं गुजरात के विकास के माध्यम से भारत के विकास की अवधारणा को मजबूती प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य, गरीबों के लिए घर, कनेक्टिविटी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इतना बड़ा निवेश गुजरात के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि इनमें से कई परियोजनाएं महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं सशक्तिकरण से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि आज मां कालिका के आशीर्वाद से महिला सशक्तिकरण को विकास का आधार बनाने के डबल इंजन की सरकार के प्रयासों को एक नई गति मिली है। उन्होंने सभा में उपस्थित कई परिचित चेहरों को पहचानते हुए कहा, “21वीं सदी  के भारत के तेज विकास के लिए महिलाओं का तेज विकास और उनका सशक्तिकरण उतना ही जरूरी है। आज भारत महिलाओं की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है और निर्णय ले रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए सभी क्षेत्रों में अवसर खुले हुए हैं और सरकार ने महिलाओं के जीवन चक्र के हर चरण को ध्यान में रखते हुए उनके सशक्तिकरण के लिए योजनाएं बनाई हैं। “वडोदरा मातृ शक्ति के उत्सव के लिए एक उपयुक्त नगर है क्योंकि यह एक मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है। वडोदरा संस्कार की नगरी है। यह शहर हर प्रकार से यहां आने वालों को संभालता है, सुख-दुख में उनका साथ देता है और आगे बढ़ने के अवसर देता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शहर ने स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, विनोबा भावे और बाबासाहेब अंबेडकर जैसी हस्तियों को प्रेरित किया है। श्री मोदी ने अपनी निजी यात्रा में इस शहर द्वारा निभाई गई भूमिका को भी याद किया। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में उन्हें वोडादरा और काशी विश्वनाथ दोनों का आशीर्वाद मिला था। उन्होंने मातृ एवं महिला स्वास्थ्य के महत्व को दोहराया। मां का स्वास्थ्य न सिर्फ उसके लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए, विशेष रूप से बच्चे के लिए, महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, “दो दशक पहले जब गुजरात ने मुझे सेवा करने का मौका दिया तो कुपोषण यहां एक बहुत बड़ी चुनौती थी। तब से हमने एक के बाद एक इस दिशा में काम करना शुरू किया, जिसके सार्थक परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल की समस्या से निपटने के उपायों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाने के निर्णय से गुजरात की महिलाओं को मदद मिलेगी। पोषण के अतिरिक्त, सरकार ने स्वच्छ भारत और उज्ज्वला जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने का काम किया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने गुजरात में महिलाओं को हर स्तर पर आगे बढ़ाने देने और निर्णय लेने की जगहों पर अधिक अवसर देने के प्रयास किए हैं। महिलाओं की प्रबंधन क्षमता को समझते हुए ही गांव से जुड़े अनेक प्रोजेक्टस में बहनों को नेतृत्व की भूमिका दी गई है।” उन्होंने परिवार के वित्तीय निर्णय लेने में महिलाओं की केन्द्रीय भूमिका सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। जन धन खाते, मुद्रा योजना और स्वरोजगार योजना इस उद्देश्य को पूरा करने में अपना योगदान दे रहे हैं। श्री मोदी ने शहरी गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए किए गए विभिन्न उपायों का भी उल्लेख किया। शहरी गरीब परिवारों को पहले ही साढ़े सात लाख घर मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को मकान निर्माण में मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उचित किराए और स्वनिधि योजना की योजनाएं भी ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी उपायों के साथ-साथ राज्य के औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में पर्यटन के विकास से जुड़े उपायों से वडोदरा को काफी लाभ होगा। पावागढ़, केवड़िया को पर्यटन के केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। वडोदरा रेलवे और विमानन से संबंधित बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार का साक्षी बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह केन्द्रीय विश्वविद्यालय, रेल विश्वविद्यालय और बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं।

कार्यक्रमों का विवरण:

प्रधानमंत्री ने 16,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित व शिलान्यास किया। इनमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 357 किलोमीटर लंबे न्यू पालनपुर-मदार खंड को राष्ट्र को समर्पित करना; 166 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-बोटाद खंड का आमान परिवर्तन; 81 किलोमीटर लंबे पालनपुर-मीठा खंड का विद्युतीकरण शामिल है। प्रधानमंत्री ने सूरत, उधना, सोमनाथ एवं साबरमती स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ रेलवे क्षेत्र से जुड़ी अन्य पहल का भी शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत को कम करने और इस इलाके में उद्योग और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में भी सुधार करेंगे और यात्री सुविधाओं को बढ़ायेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 1.38 लाख घर समर्पित किए जायेंगे, जिसमें शहरी क्षेत्रों में लगभग 1,800 करोड़ रुपये की लागत से बने घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने घर शामिल हैं। साथ ही 310 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से करीब 3000 घरों का खत मुहूर्त भी किया गया।

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इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने खेड़ा, आनंद, वडोदरा, छोटा उदयपुर और पंचमहल में 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विभिन्न विकास कार्यों को समर्पित व शिलान्यास किया, जिनका उद्देश्य इन इलाकों में जीवन को आसान बनाना है।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के दभोई तालुका के कुंडेला गांव में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी। वडोदरा शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित, इस विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 425 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और यह 2500 से अधिक छात्रों की उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा करेगा।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ का शुभारंभ किया, जिसमें 800 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा। इस योजना के तहत आंगनबाडी केन्द्रों से गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को हर माह दो किलो चना,  एक किलो अरहर की दाल और एक किलो खाद्य तेल निःशुल्क दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ‘पोषण सुधा योजना’  के तहत लगभग 120 करोड़ रुपये भी वितरित किए, जिसे अब राज्य के सभी जनजातीय लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। यह कदम जनजातीय जिलों की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आयरन एवं कैल्शियम की गोलियां उपलब्ध कराने और पोषण संबंधी शिक्षा प्रदान करने के प्रयोग की सफलता के बाद उठाया जा रहा है।

 

 

At Gujarat Gaurav Abhiyan in Vadodara, multiple development initiatives are being launched to enhance ease of living for the people. https://t.co/NRpgJoRT9M

मुझे पावागढ़ में मां के भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं अर्पित करने का अवसर मिला।मैंने मां से देशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की और आज़ादी के अमृतकाल में स्वर्णिम भारत के संकल्प की सिद्धि का आशीर्वाद मांगा: PM @narendramodi

21वीं सदी के भारत के तेज विकास के लिए महिलाओं का तेज विकास, उनका सशक्तिकरण उतना ही जरूरी है।आज भारत, महिलाओं की आवश्यकताओं, उनका आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है, निर्णय ले रहा है: PM @narendramodi

वडोदरा मातृशक्ति के उत्सव के लिए एक उपयुक्त नगर है क्योंकि यह मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है, वडोदरा संस्कार की नगरी है।ये शहर हर प्रकार से यहां आने वालों को संभालता है, सुख-दुख में साथ देता है और आगे बढ़ने के अवसर देता है: PM @narendramodi

2 दशक पहले जब गुजरात ने मुझे सेवा का अवसर दिया तो कुपोषण यहां एक बहुत बड़ी चुनौती थी।तब से हमने एक के बाद एक इस दिशा में काम करना शुरु किया जिसके सार्थक परिणाम आज हमें देखने को मिल रहे हैं: PM @narendramodi

गुजरात में महिलाओं को हर स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए, निर्णय लेने की जगहों पर अधिक अवसर देने के लिए हमने प्रयास किए हैं।महिलाओं की प्रबंध क्षमता को समझते हुए ही गांव से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स में बहनों को नेतृत्व की भूमिका दी गई है: PM @narendramodi

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