Indian Railways: अंडर ब्रिज के लिए चलती रेल लाइन पर रात में विस्फोट से तोड़ी चट्टानें, दिन में पिटा था 5 घंटे का ब्लॉक, चौमहला का मामला
Indian Railways: अंडर ब्रिज के लिए चलती रेल लाइन पर रात में विस्फोट से तोड़ी चट्टानें, दिन में पिटा था 5 घंटे का ब्लॉक, चौमहला का मामला

Indian Railways : चौमहला में अब ड्रिल मशीन से तोड़ी चट्टानें, खबर का असर

Indian Railways : चौमहला में अब ड्रिल मशीन से तोड़ी चट्टानें, खबर का असर
Rail News: रेलवे अंडरपास के लिए चौमहला स्टेशन के पास अब ड्रिल मशीन से चट्टानें तोड़ी गई हैं। चट्टानें तोड़ने के बाद मंगलवार को यहां पर सीमेंट कंक्रीट के पांच बॉक्से भी रख दिए गए। यहां पर अभी दो बॉक्से और रखे जाने बाकी हैं। इसके बाद अंडर ब्रिज का बाकी काम पूरा किया जाएगा। हालांकि इन बॉक्सो के नीचे सीमेंट कंक्रीट की स्लैब नहीं रखी गई। करीब आधा फीट मोटी इस स्लैब रखने के लिए चट्टान को और तोड़ना पड़ता। इससे बचने के लिए अधिकारियों ने चट्टान को ही मजबूत आधार मानते हुए सीधे बॉक्स रख दिए। यह तैयार स्लैब मौके पर ही रखे रह गए। बॉक्स रखने के लिए फिर से 5 घंटे का ब्लॉक लिया गया था। इसके चलते बिलासपुर-भगत की कोठी और मुंबई-हरिद्वार देहरादून आदि ट्रेनें प्रभावित रहीं।
खबर का असर
उल्लेखनीय है कि इस अंडरपास के लिए रेलवे द्वारा सोमवार को भी कंक्रीट सीमेंट के बॉक्स रखने का प्रयास किया गया था। लेकिन नीचे चट्टान के चलते बॉक्स फिट नहीं हुए। इसके चलते रेलवे का 5 घंटे का ब्लॉक बेकार चला गया। बाद में रेलवे ने चोरी छुपे रात में नियम विरुद्ध गैर कानूनी तरीके से चालू रेलवे लाइन पर डेकोरेटर से विस्फोट कर चट्टानें तोड़ने की कोशिश की। इस बात की सूचना मिलने पर संवाददाता द्वारा रेल अधिकारियों से मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई। मंगलवार को ‘जी न्यूज़ पोर्टल ‘ द्वारा यह मामला प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद हरकत में आए रेल प्रशासन में विस्फोट से चट्टान तोड़ने का काम बंद कर दिया। बाद में ड्रिल मशीन की मदद से चट्टानों को तोड़ा गया।
अंडर ब्रिज की बदली जगह
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले यह ब्रिज थोड़ी दूर पर दूसरी जगह बनाया जाना था था। वहां पर सर्वे भी किया गया था। लेकिन बाद में अचानक इस ब्रिज को यहां बनाने का काम शुरू कर दिया गया। ब्रिज से पहले या गहराई तक मिट्टी का परीक्षण नहीं किया गया। इसके चलते रेलवे को नीचे चट्टान होने का पता नहीं चला। इस लापरवाही के चलते ब्लॉक पीटने से रेलवे और ठेकेदार को भारी नुकसान हुआ।