Indian Railways : फिटकरी परिवहन घोटालाः सेंपल जांच के लिए रेलवे वर्कशॉप पर उठाए सवाल, आरटीआई में मांगी जानकारी

Indian Railways : फिटकरी परिवहन घोटालाः सेंपल जांच के लिए रेलवे वर्कशॉप पर

उठाए सवाल, आरटीआई में मांगी जानकारी

Kota Rail News :  फिटकरी (एलम) पाउडर के सेंपल की जांच के लिए रेलवे माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) पर सवाल उठाए गए हैं। गुवाहाटी के एक वकील ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) में इसकी जानकारी मांगी है। वकील ने अपनी आरटीआई में पूछा है कि क्या वर्कशॉप को किसी पाउडर की जांच का अधिकार है।
वकील ने पूछा है कि वर्कशॉप में पाउडर की जांच कैसे की जाती है। वर्कशॉप में इसके लिए क्या सुविधाएं हैं। क्या वर्कशॉप ऐसे ही कामों के लिए बना है।
एक तरह से इस पूरी आरटीआई में रेलवे वर्कशॉप के अस्तित्व और इसकी कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े किए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि इसे फिटकरी परिवहन घोटाले की जिम्मेदार फर्म द्वारा ही अपने वकील के जरिए वर्कशॉप को घेरने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
हालांकि वर्कशॉप प्रशासन द्वारा इस आरटीआई का जवाब दे दिया गया है। सूत्रों ने आशंका जताई कि अभी आगे भी इस तरह कि आरटीआई और आ सकती हैं।
सूत्रों ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब कोई वकील फिटकरी परिवहन घोटाले में दिलचस्पी ले रहा हो। इससे पहले भी रेलवे रसीद (आरआर) मांगने के लिए प्रशासन को लिखे पत्र को भी किसी वकील द्वारा लिखा माना जा रहा है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब 2 साल से मांडलगढ़, कोटा और भरतपुर स्टेशन से एक फॉर्म द्वारा किराया बचाने के लिए फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजे जाने का मामला सामने आया था। फर्म द्वारा ऐसी एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों मालगाड़ियां असम और गोवाहटी भेजी गई। माल के किराए में अंतर के कारण रेलवे को करोड़ों रुपए चूना लगने का अनुमान है। मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद फर्म ने तुरंत अपना काम बंद कर दिया। लेकिन रेलवे, चल लेखा विभाग और विजिलेंस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी। जांच के लिए रेलवे ने पाउडर का सैंपल रेलवे वर्कशॉप में भेजा था। वर्कशॉप ने जांच कर बताया था कि यह एलम पाउडर नहीं है। यह पदार्थ मार्बल पाउडर का अंश है। यह रिपोर्ट आने के बाद फर्म की परेशानी बढ़ गई थी। शायद इसके चलते फर्म ने वर्कशॉप की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिए।
रेलवे ने भी माना हुआ है घोटाला
उल्लेखनीय है कि एक शिकायत के दिए जवाब में रेलवे ने भी माना है कि कोटा मंडल में फिटकरी पाउडर परिवहन के नाम पर घोटाला हुआ है। इसके लिए रेलवे ने फर्म को बकाया वसूली का नोटिस भी थमाया है। लेकिन फर्म ने मामले को रेलवे ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है।
हालांकि रेलवे ने यह नहीं बताया कि कुल कितने रुपयों का घोटाला हुआ है। इस घोटाले में रेलवे का कौन सा अधिकारी और कर्मचारी शामिल था। इनके खिलाफ रेलवे ने क्या कार्रवाई की। ऐसे में रेलवे की इस साफगोई पर भी सवाल उठ रहे हैं।