केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) एवं अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) एवं अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के बीच हस्ताक्षरित एक रणनीतिक साझेदारी समझौते से अवगत कराया गया। जनवरी 2022 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

इस समझौते का उद्देश्य भारत में अक्षय ऊर्जा पर आधारित हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी परिवर्तन, नेतृत्व और ज्ञान को बढ़ावा देना है। यह समझौता भारत के ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव के प्रयासों में मदद करेगा और दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद करेगा।

यह भी पढ़ें :   Indian Railway: रामगंजमंडी-भोपाल लाइन को मिले 500 करोड़, कोटा-बीना दोहरीकरण को 190 ....

रणनीतिक साझेदारी समझौते में परिकल्पित सहयोग के क्षेत्र 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से प्रचलित 500 गीगावॉट स्थापित बिजली क्षमता के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत का समर्थन करेंगे। इससे आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस समझौते की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ावा देना शामिल है:

• भारत से अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के बारे में ज्ञान साझा करने की सुविधा

यह भी पढ़ें :   उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने किया नवनिर्मित एडीआर भवन का लोकार्पण

• दीर्घकालिक ऊर्जा योजना पर भारत के प्रयासों का समर्थन करना

• भारत में नवाचार के माहौल को मजबूत करने के लिए सहयोग करना

• ग्रीन हाइड्रोजन के विकास की संभावना और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देकर किफायती डीकार्बोनाइजेशन की ओर बढ़ना।

 इस प्रकार, यह रणनीतिक साझेदारी समझौता भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के प्रयासों और दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद करेगा।

***

डीएस/एमजी/एएम/एसकेएस/एसके