रिटायर होने बाद भी कर्मचारियों की वापस संवेदनशील पदों पर नियुक्ति, रेलवे कर्मचारियों ने प्रशासन की नियत पर उठाये सवाल

चर्चा में रहा रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों को दोबारा उसी पद पर नियुक्ति का मामला

कोटा। न्यूज़. रिटायरमेंट के बाद भी गति शक्ति के नाम पर कई कर्मचारियों को दोबारा उसी पद पर नियुक्ति का मामला सोमवार को कोटा रेल मंडल में चर्चा का विषय बना रहा। रेलवे के अलावा बाहर आम जनता के बीच भी इस मामले पर खूब चर्चा हुई। मामले को लेकर लोग एक दूसरे से जानकारी लेते नजर आए। इसके चलते लोगों ने इस नियुक्ति की खबर को जमकर शेयर भी किया।

इस मामले में कई कर्मचारी प्रशासन की नियत पर भी सवाल उठाने से नहीं चुके। कर्मचारियों का कहना था कि अपने अधीनस्थों को ईमानदारी, सुचिता और नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले प्रशासन को खुद अपनी व्यवस्थाएं दुरुस्त करना चाहिएं। जब ऊपर के स्तर पर ही इतनी गंभीर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं तो प्रशासन को नीचे के कर्मचारियों से कोई उम्मीद करना व्यर्थ है।

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मामले में प्रशासन को जवाब देना चाहिए कि किस नियम के तहत रिटायरमेंट के बाद भी इन कर्मचारियों को वापस वापस उसी पद पर लगाया जा रहा है। वह भी उन संवेदनशील पदों पर जहां से हर तीन-चार साल में कर्मचारियों का स्थानांतरण करना जरूरी होता है।

कर्मचारियों ने प्रश्न किया कि रिटायरमेंट कर्मचारियों से दुबारा काम कराने से इन पदों की गोपनीयता की क्या गारंटी होगी। प्रशासन को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि कोई गलती होने पर इन कर्मचारियों को किस तरह दंडित किया जाएगा। कई कर्मचारियों ने कहा कि इस फैसले से क्या प्रशासन के दूसरे कर्मचारी के हक को मारना जायज है। कर्मचारियों ने कहा कि यदि प्रशासन को इन कर्मचारियों से इतना ही अधिक लगाव है तो इन्हें रिटायरमेंट ही नहीं करना चाहिए था। इनका कार्यकाल बढ़ा देते। क्योंकि प्रशासन की नजर में इनसे काबिल कर्मचारी कोई दूसरा नहीं है। चार-पांच साल बाद इन कर्मचारियों के हटने के बाद यह काम ठप हो जाएगा।

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यह है मामला
उल्लेखनीय की कोटा मंडल रेल प्रशासन ने गति शक्ति के नाम पर सबसे ज्यादा संवेदनशील पदों पर टिके आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वापस उसी पद पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। इनमें दोनों एडीआरएम के कार्यालय अधीक्षक भी शामिल हैं। यह कर्मचारी अब वेतन गति शक्ति यूनिट से लेंगे लेकिन कम डीआरएम ऑफिस में करेंगे। इस काम के लिए प्रशासन ने सभी नियम कायदे कानून को ताक रख दिया। प्रशासन का यह कम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है।