Indian Railway : आरक्षण बाबू ने दिव्यांग यात्री के बनाए गलत टिकट |

आरक्षण बाबू ने दिव्यांग यात्री के बनाए गलत टिकट, एक में ट्रेन नंबर गलत तो दूसरे में दोनों जगह एक ही नाम लिख दिया, रामगंजमंडी का मामला
कोटा। रामगंजमंडी में एक आरक्षण बाबू द्वारा एक दिव्यांग यात्री के गलत टिकट बनाने का मामला सामने आया। बाबू ने एक टिकट में ट्रेन नंबर ही गलत लिख दिया तो दूसरे में दोनों जगह एक ही नाम लिख दिया। इस गलती के चलते यात्री को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सूत्रों ने बताया कि रामगंजमंडी निवासी दिव्यांग साबिर मोहम्मद ने 6 फरवरी को अमृतसर-मुंबई डीलक्स एक्सप्रेस (12926) में कोटा से सूरत के लिए खुद का और पत्नी नजमा के नाम का टिकट बुक कराया था। नजमा को कोटा से सवार होना था तथा साबिर को रामगंजमंडी से बैठना था।
बाबू ने इस टिकट में नजमा की जगह भी साबिर मोहम्मद का नाम लिख दिया। जबकि आरक्षण फार्म में नजमा फीमेल साफ लिखा हुआ था। टिकट लेते समय साबिर ने इस गलती पर ध्यान नहीं दिया।
ट्रेन में चला पता
बाद में नजमा टिकट लेकर कोटा से ट्रेन में सवार हो गई। रास्ते में जांच के दौरान टीटीई को दोनों जगह साबिर पुरुष ही लिखा नजर आया। पूछताछ में नजमा ने बताया कि उसके पति साबिर रामगंजमंडी से सवार होंगे। इस पर टीटीई ने नजमा से तो कुछ नहीं कहा और साबिर का इंतजार करने लगा।
रामगंजमंडी में सवार होते ही टीटीई ने पूछताछ कर साबिर को पकड़ लिया। टीटीई ने साबिर से कहा कि आपकी पत्नी बिना टिकट यात्रा कर रही है। टिकट में दोनों जगह आप ही के नाम हैं। इसके चलते एक टिकट रद्द कर पत्नी का जुर्माना भरना होगा।
इस पर साबिर ने कहा कि उसने आरक्षण फार्म में सही नाम लिखा है। इस बात को लेकर दोनों में काफी देर तक बहस होती रही। बाद में रेलवे पर दावा ठोकने के इरादे से साबिर जुर्माना भरने को राजी हो गया। लेकिन साबिर की मंशा भांपकर टीटीई बिना जुर्माना वसूले ही चला गया।
दूसरे टिकट में गलत लिखा ट्रेन का नंबर
सूत्रों ने बताया कि इसी तरह बाबू ने दूसरा टिकट भी गलत बना दिया। साबिर ने सूरत से कोटा तक 7 फरवरी का मुंबई-अमृतसर डीलक्स एक्सप्रेस (12925) का टिकट बनवाया था। लेकिन बाबू ने मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट (12955) का टिकट बना दिया।
डीलक्स सूरत से शाम करीब 4 बजे चलती है जबकि जयपुर सुपरफास्ट रात 11 बजे रवाना होती है। इस गलती का पता पड़ने पर दोनों करीब 7 घंटे सूरत स्टेशन पर परेशान होते रहे। दोनों तरफ सफर के दौरान रात भी खराब हो गई।
जबरन लगा रखा है बाबू को
यात्रियों ने बताया कि अधिकारियों ने इस बाबू को यहां जबरन लगा रखा है। इस बाबू का नाम सुरेंद्र चौहान है। सुरेंद्र पहले झालावाड थर्मल में काम करता था। सुरेंद्र को कंप्यूटर चलाने और टिकट बनाने का ज्ञान नहीं है। सुरेंद्र एक टिकट बनाने में ही आधा घंटा लगा देता है। इसके बाद भी कई गलतियां रह जाती हैं। इन गलतियों के चलते कई यात्री सुरेंद्र की पहले भी शिकायतें कर चुके हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इसको यहां से नहीं हटाया जा रहा है।