Kota: एक सालः खुद की जमीन, फैसला अधर में
Kota: एक सालः खुद की जमीन, फैसला अधर में

Kota: एक सालः खुद की जमीन, फैसला अधर में

Kota: एक सालः खुद की जमीन, फैसला अधर में

रीको इंडस्ट्रीयल क्षेत्र का मामला

कोटा। राजस्थान राज्य औद्योगिक और निवेश निगम (रीको) कोटा क्षेत्र के उद्यमी एक साल से अपनी ही भूमि को बेचने या कामों के लिए निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इसके चलते व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उद्यमियों ने बताया कि रीको का करीब सौ एकड़ पुराना औद्योगिक क्षेत्र पहले सरकार के पास ही था। बाद में सरकार ने इस क्षेत्र का मालिकाना हक गठन के बाद रीको को दे दिया। इसके बाद इस क्षेत्र में स्थित जेके फैक्ट्री बंद हो गई। इसके बाद इसके मालिक ने जेके फैक्ट्री की जमीन में करीब 500 प्लाट काट दिए। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण बिना पूछे प्लॉट काटने पर रीको और सरकार ने इस पर आपत्ती जताई। इसके बाद यह मामला जयपुर हाई कोर्ट पहुंच गया। यहां पर कोर्ट ने जेके के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। इसके बाद सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई। यहां कई सालों तक चले केस के बाद 21 मई 2023 को फैसला सरकार के पक्ष में आया।
सरकार ने लिया मालिकाना हक
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार ने इस औद्योगिक क्षेत्र का मालिकाना हक रीको से वापस अपने पास ले लिया। रीको को यहां केवल जमीन की देखभाल और रखरखाव का हक दिया गया। रीको का अधिकार खत्म होने से उद्यमियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई। अब उद्यमी बिना सरकार की इजाजत के न तो उद्योगों की जमीन बेच सकते हैं और न ही इसका भूपरिवर्तन करवा सकते हैं। मंगलवार को इस मामले का एक साल पूरा हो गया। लेकिन सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। इससे उद्यामियों की परेशानी बढ़ी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा उन उद्यमियों को हो रही है जिन्होंने मौठा मुनाफा कमाने के लिए के रियायती दर पर यहां पर जमीन में निवेश किया था। ऐसे में यह लोग न जमीन बेच पा रहे है और न ही कोई उद्योग धंधा शुरु कर रहे हैं।
एसीबी दर्ज कर चुकी है मामला
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों (एसीबी) भी इस मामले में रीको के अफसरों और पेट्रोकेमिकल्स के प्रबंधन के खिलाफपरिवाद दर्ज कर चुकी है।
इस परिवाद के अनुसार रीको के अफसरों से मिलीभगत कर प्रबंधकों ने जेके सिंथेटिक फैक्ट्री की 227 एकड़ जमीन के लैंड्यूज को गलत तरीके से बदल कर जमीन को कॉलोनाइजर और प्रोपर्टी डीलरों के जरिए अरबों रुपए के प्लॉट काट कर बेच दिए।
जल्द निर्णय ले सरकार
सरकार को इस बारे में जल्द निर्णय लेना चाहिए। ताकि उद्यमियों को राहत मिल सके। -गोविंद राम मित्तल, दीएसएसआई संस्थापक अध्यक्ष
निर्णय सरकार को लेना है
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जारी आदेश के अनुसार कोटा के औद्योगिक क्षेत्र पर अब मालिकाना हक राज्य सरकार है। इस लिए इस निर्णय भी अब सरकार ही लेगी।
– एमके शर्मा, सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, रीको