अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एनएमसीजी ने ‘घाट पर योग’ का आयोजन किया

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की ओर से आज यमुना नदी पर दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज घाट पर ‘घाट पर योग’ का आयोजन किया गया। यह सभी गंगा घाटों पर ‘घाट पर योग’ करने के लिए एनएमसीजी की विशेष पहल का हिस्सा था।

गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों, गंगा विचार मंच के स्वयंसेवकों, छात्रों, बच्चों और स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में भाग लिया, जो सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच संपन्न हुआ। योग सत्र का संचालन न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास योगाचार्य डॉ. दयाशंकर विद्यालंकर द्वारा किया गया था।

एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार, एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री डी.पी. मथुरिया, एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) श्री सत्य प्रकाश वशिष्ठ, एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (परियोजना) श्री हिमांशु बडोनी और एनएमसीजी के उप महानिदेशक श्री एस.आर. मीना, गंगा विचार मंच के संयोजक श्री भारत पाठक ने भी दिल्ली में ‘घाट पर योग’ कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में 350 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।

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नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आज गंगा बेसिन के राज्यों में 75 से अधिक स्थानों पर योग सत्र आयोजित किए गए। भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गतिविधियों को आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित किया गया। योग विशेषज्ञ, गंगा प्रहरी, गंगा मित्र, नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के गंगा दूत, छात्रों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय लोगों आदि ने गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के तट पर आयोजित योग सत्रों में भाग लिया। यह कार्यक्रम एनएमसीजी की जिला स्तरीय शाखा जिला गंगा समितियों के माध्यम से आयोजित किए गए थे, जो पिछले कुछ महीनों से गंगा बेसिन में गंगा- केंद्रित गतिविधियों के आयोजन में सक्रिय हैं।

इस अवसर पर एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने कहा कि नमामि गंगे की पहल ‘घाट पर योग’ के साथ-साथ गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे विभिन्न स्थानों पर एक साथ कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। यह कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा दी गई अर्थ गंगा अवधारणा के अनुरूप है। अर्थ गंगा का उद्देश्य नमामि गंगे द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक सेतु के माध्यम से नदी और लोगों के बीच एक जुड़ाव स्थापित करना है।

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उन्होंने कहा कि गंगा नदी की सहायक नदियों, विशेष रूप से यमुना की सफाई नमामि गंगे कार्यक्रम के फोकस क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोनेशन पिलर पर 318 एमएलडी एसटीपी पहले ही चालू किया जा चुका है, जबकि यमुना पर एनएमसीजी द्वारा वित्तपोषित 3 अन्य मुख्य एसटीपी को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा, क्योंकि 1385 एमएलडी अपशिष्ट जल नदी में बहना बंद हो जाएगा।” उन्होंने प्रतिभागियों को इस स्वच्छ यमुना अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। दिल्ली में यमुना नदी पर सफाई अभियान एनएमसीजी द्वारा हर महीने के चौथे शनिवार को आयोजित एक नियमित गतिविधि है।

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