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Indian Railways: मोतीपुरा में विजिलेेंस की कार्यवाही, स्टेशन प्रबंधक से 7 घंटे पूछताछ, कई घोटालों के आरोप

Indian Railways: मोतीपुरा में विजिलेेंस की कार्यवाही, स्टेशन प्रबंधक से 7 घंटे पूछताछ, कई घोटालों के आरोप

Rail News:  कोटा-रुठियाई रेलखंड स्थित मोतीपुरा स्टेशन पर पश्चिम-मध्य रेलवे विजिलेंस द्वारा छापामार कार्यवाही का मामला सामने आया है। इसके चलते विजिलेंस ने स्टेशन प्रबंधक वजीर सिंह सहित कई कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों से करीब 7 घंटे तक पूछताछ की। इसके अलावा विजिलेंस ने मौके से जरुरी रजिस्टर और कागजात भी जप्त किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि स्टेशन पर बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। वजीर ने अपने मकान में लंबे समय से दो रेल कर्मचारियों को रख रखा है। वजीर द्वारा इनको मकान किराया भत्ता भी दिलवा जा रहा है। इसके अलावा वजीर ने रेलवे आवास होते हुए भी एक अन्य कर्मचारी को भी करीब एक साल से मकान किराया भत्ता दिलवा रहा है। साथ ही विजिलेंस को यह भी शिकायत थी कि मुख्य ठेकेदार से पेटी कांटेक्ट लेकर वजीर ने रनिंग रुम का काम भी करवाया है। इसके चलते विजिलेंस ने यहां श्रमिकों से भी पूछताछ की। श्रमिकों ने विजिलेंस को दिए अपने बयान में बताया कि उन्होंने कभी ठेकेदार को नहीं देखा। वजीर ही उन्हें पैसे देते हैं।
पानी सप्लाई के नहीं दिए पैसे
इसके अलावा वजीर पर पास के खेत मालिक ने भी लंबे समय से अरोप लगा रखे हैं। खेत मालिक का कहना है कि वजीर ने स्टेशन पर पानी सप्लाई लेकर उसका भुगतान नहीं किया। इसके चलते उसके करीब पांच लाख रुपए डूब गए। इसकी शिकासत खेत मालिक ने कोटा रेल अधिकारियों को भी थी। लेकिन पूरे सबूत दिखाने के बाद भी अधिकारियों ने वजीर पर कोई कार्यवाही करना जरुरी नहीं समझा। इससे निराश खेत मालिकों ने अपहरण कर वजिर से मारपीट भी की थी। इसकी रिपोर्ट भी थाने में दर्ज है। इसके अलावा विजिलेंस के पास स्टेशन कर्मचारियों के एटीएम कार्ड रखने की शिकायतें हैं।
कोयला रैक में घोटाला
इसके साथ ही विजिलेंस के पास यहां स्थित निजी पॉवर प्लांट में आने वाले कोयले के रैक का डेमरेज घोटाले की भी शिकायत हैं। कई बार यहां पर कोयले के रैक खाली होने में निर्धारित से अधिक समय लग जाता है। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इसकी एवज में प्लांट पर जुर्माना लगाने की जगह मिलीभगत से रैक को सही पर खाली होना दर्शा दिया जाता है। इसके चलते यहां पर रेलवे को रोजाना लाखों रुपए का चूना लगता है। यहां पर रोजाना 7-8 कोयले के रैक आते हैं। एक रैक पर करीब दस हजार रुपए का हेरफेर की शिकायत है। बिजनेस द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि संभवत: यही मुख्य कारण है की लगातार शिकायतों के बाद भी प्रशासन जिम्मेदारों का ट्रांसफर करने से बच रहा था। मोतीपुरा स्टेशन के निरीक्षण दौरान डीआरएम मनीष तिवारी के सामने भी कई शिकायतें सामने आई थीं।
सभी अरोप गलत
हांलाकि वजीर सिंह इन सभी अरोपों से इनकार करते रहे हैं। विजिलेंस कार्यवाही पर भी वजिर से बात करने की कौशिश की गई। लेकिन वजिर ने फोन उठाना जरुरी नहीं समझा।