AJMER : नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए निर्माणों और कब्जों को हटाया ही जाना चाहिए, कलेक्टर अपने कथन पर अमल भी करें

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”पूरी खबर यहाँ सुने”]
अजमेर के आनासागर को बचाने के लिए कलेक्टर अंशदीप अपने कथन पर अमल भी करें।
2014 से नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए निर्माणों और कब्जों को हटाया ही जाना चाहिए।
=====================
अजमेर के जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा है कि आना सागर के भराव क्षेत्र में हुए निर्माणों को लेकर हाल ही में जो सर्वे किया गया, उसमें 2014 से पहले हुए निर्माणों को भी चिह्नित किया गया है। प्रशासन की मंशा बेवजह किसी को परेशान करने की नहीं है, लेकिन 2014 में नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित होने के बाद जिन लोगों ने भराव क्षेत्र में निर्माण और मिट्टी डाल कर कब्जा किया है, उन पर सख्त कार्यवाही होगी। नि:संदेह कलेक्टर का यह बयान आनासागर को भू माफियाओं से बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हाईकोर्ट ने भी झील संरक्षण कमेटी को नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए निर्माणों को ही चिह्नित किया करने के निर्देश दिए हैं। आनासागर को बचाने की मुहिम चलाने वाले जागरूक लोग भी यही चाहते हैं कि पहले चरण में उन्हीं निर्माणों को कब्जों को हटाया जाए जो नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित होने के बाद हुए हैं। यदि इससे पहले के निर्माणों को हटाने का प्रयास किया गया तो 2014 के बाद वाले भी नहीं हट पाएंगे। जनवरी 2014 में जब नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया, उसके बाद के निर्माणों और कब्जों को सैटेलाइट इमेज से आसानी से चिह्नित किया जा सकता है। अब तो ऐसी तकनीक भी मौजूद है जो 2014 और 2022 की इमेज एक साथ रखने पर निर्माणों को चिह्नित कर सकती है।
हाईकोर्ट द्वारा गठित झील संरक्षण कमेटी के नोडल अधिकारी डॉ. समित शर्मा (आईएएस) ने सैटेलाइट इमेज अजमेर प्रशासन को उपलब्ध भी करवाई है। कलेक्टर अंशदीप ने जब नो कंस्ट्रक्शन जोन को लेकर सकारात्मक बयान दिया है, तब उम्मीद की जानी चाहिए कि भूमाफियाओं पर सख्त कार्यवाही होगी। यदि 2014 से हुए निर्माणों को भी हटा दिया जाता है तो यह एक बड़ी कार्यवाही होगी। इससे आना सागर का फैलाव और अधिक होगा। आना सागर का जितना फैलाव होगा, उतना अजमेर शहर का भूमिगत जल स्तर ऊंचा होगा। प्रशासन को नालों का गंदा पानी भी आना सागर में गिरने से रोकना चाहिए। मौजूदा समय में कई नालों का गंदा पानी आनासागर में गिर रहा है, जबकि नालों का पानी शुद्ध करने के लिए आनासागर में ट्रीटमेंट प्लांट भी लगा रखा है। यदि नालों का गंदा पानी शुद्ध कर आनासागर में डाला जाएगा तो आनासागर का प्राकृतिक सौंदर्य और निखरेगा।