Indian Railways: कोटा में तत्काल आरक्षण में गड़बड़ी
Indian Railways: कोटा में तत्काल आरक्षण में गड़बड़ी

Indian Railways: कोटा में तत्काल आरक्षण में गड़बड़ी

Indian Railways: कोटा में तत्काल आरक्षण में गड़बड़ी

कोटा। गर्मी का सीजन शुरु होते ही आरक्षण कार्यालयों में तत्काल टिकटों में गड़बड़ी के मामले सामने आने लगे हैं। कोटा स्टेशन के पास बने आरक्षण कार्यालय में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। शिकायत के बाद भी यात्रियों की इस गड़बड़ी पर रोक नहीं लग रही है। इसके चलते यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। डडवाड़ा निवासी भागीरथ शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों वह आरक्षण कार्यालय गए तो उसे यह गड़बड़ी नजर आई। यहां पर कई यात्रियों ने बताया कि आपसी मिली भगत कर यहां पर दलालों को तत्काल सीटें बेची जा रही हैं। अपने मिलने वालों और दलालों का यहां पर एक निश्चित खिड़की नंबर लगाया जाता है। अन्य यात्रियों की बाकी बची खिड़कियों पर लाइन लगवाई जाती है। इसके चलते देरी से पहुंचने वाले दलाओं और मिलने वालों को सबसे पहले आसानी से टिकट मिल जाता है। जब कि दूसरी खिड़की पर घंटों लाइनों में खड़े यात्री टिकट से वंचित रह जाते हैं। भागीरथ ने बताया कि इसके अलावा यहां पर तत्काल टिकट के लिए पहुंचने वाले यात्री क्रमानुसार अपना नाम और नंबर एक डायरी मेें लिखते हैं। लेकिन कई बार इस डायरी से अलग भी यात्रियों की लाइन लगवा ली जाती है।

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जिससे देरी से पहुंचने वाले दलाल और मिलने वाले आगे खड़े हो जाते हैं और घंटों पहले पहुचे चात्रियों का नंबर पिछे हो जाता है। भागीरथ ने बताया कि उन्होंने ट्वीट के जरिए मामले की शिकायत कोटा मंडल प्रशासन से की है। लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। आरपीएफ पकड़ चुकी है दो बुकिंग बाबू उल्लेखनीय है कि यह हालात तो तब है जब हाल ही में आरपीएफ दो बुकिंग बाबुओं को टिकट दलाली के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद भी शिकायतों का सिलसिला लगातार जारी है। कैमरे बने शोपीस उल्लेखनीय है कि दलालों पर अंकुश लगाने के प्रशासन कई साल पहले यहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए थे।

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प्रशासन का दावा था कि इन कैमरों की मदद से अधिकारी अपने चैंबर में बैठकर भी आरक्षण कार्यालय पर निगरानी रख सकते हैं। लेकिन यह कैमरे लगने के चंद दिनों बाद ही किए गए एक स्ट्रिंग ऑपरेशन में इनकी पोल खुल गई थी। लेकिन इसके बाद भी यहां पर दलालों पर अंकुश नहीं लग सका। यहां अभी भी टिकटों में गड़बड़ी जारी है। इन कैमरों की मदद से प्रशासन ने आज तक एक भी दलाल को नहीं पकड़ा।