सरकार ने जनजातीय बहुल इलाकों में शिक्षा की चुनौती को मिशन मोड में लिया है : श्री अर्जुन मुंडा

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केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 22 फरवरी, 2022 को झारखंड के विभिन्न जिलों में स्थित सात एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के छात्रों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की।

इस उत्साहपूर्ण बातचीत में मंत्री ने कहा कि सरकार ने जनजातीय बहुल इलाकों में शिक्षा की चुनौती को मिशन के तौर पर लिया है और हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए 452 नए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में दूर-दराज के क्षेत्रों और ब्लॉक स्तर पर स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है। मंत्री ने कहा कि ये स्कूल जनजातीय छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि 15 नवंबर, 2021 को जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री ने 50 ईएमआरएस की आधारशिला रखी, जिनमें से 20 झारखंड में स्थित हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने आगे बताया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप अब हम शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ईएमआरएस से कई टॉपर्स और विजेता को निकलते हुए देख रहे हैं। इन छात्रों को पोषण अभियान, स्वच्छता मिशन जैसी सामाजिक और राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में भी शामिल किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि शिक्षा का केंद्र बिंदु नैतिक मूल्य और चरित्र निर्माण होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि जनजातीय बच्चों को मैट्रिक के बाद, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फेलोशिप, विदेशी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जैसी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ी संख्या में छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को अधिक से अधिक यथासंभव छात्रवृत्ति देने का प्रयास है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब देश के प्रधानमंत्री इतने व्यस्त कार्यक्रम में परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) जैसे अद्वितीय कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों से संवाद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री छात्रों को परीक्षा से पहले तनाव मुक्त रहने और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में भाग लेने के लिए उनका मार्गदर्शन करते रहे हैं। मंत्री ने ईएमआरएस के छात्रों को भी आगे आने और परीक्षा से पहले परीक्षा पे चर्चा 2022 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ विचार-विमर्श करने का आह्वान किया।

 

Hon’ble Minister of Tribal Affairs, Shri Arjun Munda today virtually interacted with the students of seven Eklavya Model Residential school, Jharkhand. The Principals and the Students had an open discussion with the Hon’ble Minister.#ppc2022 #examwarriors pic.twitter.com/b18JQ8AE95

मेहनती छात्रों की अदम्य भावना को प्रोत्साहित करते हुए श्री अर्जुन मुंडा ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।

इस अवसर पर उपस्थित जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने जनजातीय कार्य मंत्रालय की विभिन्न प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों से छात्रों को अवगत कराया, जो अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लाभ के लिए लागू की गई हैं जो आगे अध्ययन करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों की उपलब्धियों की भी सराहना की।

जिला लोहरदगा के ईएमआरएस कुजरा के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना के मधुर गायन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद सात स्कूलों में से प्रत्येक के प्रमुख ने अपने स्कूल के प्रदर्शन और हाल ही में हासिल की गई उपलब्धियों का सारांश प्रस्तुत किया।

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सत्र में छोटा “प्रश्नकाल” भी शामिल था, जिसमें छात्रों ने श्री अर्जुन मुंडा से कुछ दिलचस्प सवाल भी पूछे।

इस अवसर पर एनएसटीएफडीसी के आयुक्त/निदेशक श्री असित गोपाल और झारखंड के आदिवासी कल्याण विभाग के आयुक्त श्री नमन प्रिय लाकड़ा भी उपस्थित थे।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) देश भर में आदिवासी छात्रों (अनुसूचित जनजातियों) के लिए एक मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने की भारत सरकार की योजना है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय का एक प्रमुख हस्तक्षेप है, जो दूरस्थ जनजातीय बहुल क्षेत्रों में छात्रों को प्रथम श्रेणी की शिक्षा और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करता है। 2018-19 के केंद्रीय बजट में 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक और कम से कम 20,000 जनजातीय समुदाय के लोगों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के प्रावधान को पेश किया गया था।

शैक्षिक प्रशिक्षण पर जोर देते हुए आदिवासी छात्रों को शिक्षा देने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का विकास किया जा रहा है। स्कूल छठी से बारहवीं कक्षा के जनजातीय छात्रों की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं, जिनकी औसत संख्या 480 है। वर्तमान में देश में 367 ईएमआरएस काम कर रहे हैं। नवोदय विद्यालयों के समान स्थापित वे खेल और क्षमता विकास में प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा ईएमआरएस समग्र सुधार के लिए परिसर में ही छात्रों की जरूरतों को पूरा करने वाली सुविधाओं के साथ तैयार किए जाते हैं और रहने व खाने सहित मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं।

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एमजी/एएम/आरकेजे/एसएस