भारत और सिंगापुर ने अवैध, गैर-सूचित और अनियमित फिशिंग पर पूर्वी एशिया सम्मेलन कार्यशाला का आयोजन किया

मत्स्यपालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार और सिंगापुर सरकार द्वारा कल अवैध, गैर-सूचित और अनियमित (आईयूयू) फिशिंग पर एक वर्चुअल ईस्ट एशिया सम्मेलन (ईएएस) कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत और सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने की। इसमें श्री जतिन्द्र नाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग (डीओएफ), भारत सरकार ने अपना मुख्य भाषण दिया। इस कार्यशाला में 8 ईएएस सदस्य देशों और 4 नॉलेज पार्टनर, भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग के अधिकारियों, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन अधिकारियों और अन्य आमंत्रित लोग शामिल हुए।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री स्वैन ने अवैध, गैर-सूचित और फिशिंग से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने पर प्रकाश डाला। श्री स्वैन ने विशेष रूप से तटवर्ती इलाकों में फिशिंग करने वाले समुदायों के साथ मिलकर आईयूयू फिशिंग का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा किए गए कुछ प्रयासों और पहलों को साझा किया।

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इस कार्यशाला की शुरुआत भारत के नेतृत्व में उद्घाटन सत्र के साथ हुई और इसकी अध्यक्षता डॉ. जे बालाजी, संयुक्त सचिव, मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने की। स्वागत भाषण के दौरान डॉ जे. बालाजी ने कार्यशाला के विषय के बारे में जानकारी प्रदान की तथा उन्होंने भारत और सिंगापुर के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्‍य के सभी सम्मानित प्रतिनिधियों, पैनलिस्टों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। ईएएस आईयूयू कार्यशाला में अपनी शुरुआती टिप्पणी में सिंगापुर खाद्य एजेंसी के सीईओ ने आईयूयू फिशिंग का मुकाबला करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसके कारण तटवर्ती इलाकों में फिशिंग करने वाले समुदायों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई है।

प्रथम तकनीकी सत्र, आईयूयू फिशिंग का मुकाबला करने में क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित था और सिंगापुर खाद्य एजेंसी द्वारा इसकी अध्यक्षता की गई। नॉलेज पार्टनर अर्थात् द वे ऑफ बंगाल प्रोग्राम इंटर-गवर्मेंटल ऑर्गेनाइजेशन (बीओबीपीआईजीओ), कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ), साउथ ईस्ट एशियन फिशरीज डेवलपमेंट सेंटर (एसईएएफडीईसी) और यूएस फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने क्षेत्रीय प्रयासों और आईयूयू फिशिंग का मुकाबला करने के लिए अपनाए जा रहे जमीनी और निरंतर प्रयासों को साझा किया।

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द्वितीय तकनीकी सत्र के दौरान, इसमें भाग लेने वाले प्रत्येक देश के प्रतिनिधियों ने अपनी राष्ट्रीय सफलता की कहानियों, प्राप्त अनुभवों और आईयूयू फिशिंग को रोकने के लिए उनके देशों द्वारा अपनाए जा रहे उपायों को साझा किया।

सत्रों और चर्चाओं के बाद, सुश्री गीतिका श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की समापन टिप्पणी के साथ ही इस वेबिनार की समाप्ति हुई।

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