कोविड​​-19 टीकाकरण: मिथक बनाम तथ्य

कोविड​​-19  टीकाकरण को पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन-क्षमता में कमी आने से जोड़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला


एनईजीवीएसी ने सभी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कोविड​​-19 टीकाकरण की सिफारिश की है

प्रजनन-आयु वाली आबादी के बीच कोविड​​-19 टीकाकरण के कारण प्रजनन-क्षमता में कमी आने की चिंता पर आधारित कुछ मीडिया रिपोर्टें आई हैं। पिछले कुछ दिनों में, कुछ मीडिया रिपोर्टों ने नर्सों सहित स्वास्थ्यकर्मियों (एच सी डब्लू) और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों (एफ एल डब्लू) के एक वर्ग में विभिन्न अंधविश्वासों और मिथकों की मौजूदगी को उजागर किया है। इस तरह की भ्रामक सूचना और अफवाहें, टीकाकरण अभियान के दौरान पहले भी समुदाय में फैलती देखी गई थीं, जो पोलियो और खसरा-जर्मन खसरा के बारे में थीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्लू) ने वेबसाइट (   https://www.mohfw.gov.in/pdf/FAQsforHCWs&FLWs.pdf )  पर पोस्ट किए गए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के अंतर्गत स्पष्ट किया है कि उपलब्ध टीकों में से कोई भी प्रजनन-क्षमता को प्रभावित नहीं करता है। सभी टीकों और उनके घटकों का परीक्षण पहले जानवरों पर और बाद में मनुष्यों में किया जाता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि उनके इस तरह के कोई दुष्प्रभाव हैं या नहीं। टीकों को उनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित होने के बाद ही उपयोग के लिए अधिकृत किया जाता है।

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इसके अलावा, कोविड​​-19 टीकाकरण के कारण प्रजनन-क्षमता में कमी आने के प्रचलित मिथक को रोकने के लिए, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है (https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1396805590442119175 )

कि कोविड​​-19  टीकाकरण के कारण पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन-क्षमता में कमी आने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। टीकों को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है।

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नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड​​-19 (एनईजीवीएसी) ने सभी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कोविड​​-19 टीकाकरण की सिफारिश की है और टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान को रोकने की आवश्यकता न होने के साथ इसे सुरक्षित करार दिया है।