केन्‍द्रीय पत्तन, पोत परिवहन, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल कल जेएनपीटी बंदरगाह में सड़क कंक्रीटीकरण परियोजना का उद्घाटन करेंगे

केन्‍द्रीय पत्तन, पोत परिवहन, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल कल जेएनपीटी बंदरगाह में सड़क कंक्रीटीकरण परियोजना का उद्घाटन करेंगे। वे जेएनपी अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का भी शुभारंभ करेंगे और भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनलों (बीएमसीटीपीएल) में लघु बंदरगाह पहल की भी समीक्षा करेंगे। ईओडीबी, ड्वार्फ कंटेनर्स, वाधवान पोर्ट्स और अन्य इंफ्रा परियोजनाओं पर प्रेजेंटेशन दिये जाएंगे। श्री सोनोवाल बंदरगाह पर कई हितधारकों के साथ बैठक भी करेंगे।

नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) देश का एक प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग बंदरगाह है, जिसका भारत के प्रमुख बंदरगाहों के कुल कंटेनरीकृत कार्गो वॉल्यूम में लगभग 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है। 26 मई, 1989 को शुरू किए जाने के बाद परिचालन के तीन दशकों में जेएनपीटी ने देश का प्रमुख कंटेनर बंदरगाह बनने के लिए अपने आपको एक बड़े कार्गो टर्मिनल में परिवर्तित किया है। जेएनपीटी दुनिया के 200 से अधिक बंदरगाहों से जुड़ा है और विश्व स्तर पर शीर्ष 100 कंटेनर बंदरगाहों की सूची में यह  33वें स्थान पर है।

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वर्तमान में जेएनपीटी पांच कंटेनर टर्मिनलों को संचालित करता है। इनके नाम इस प्रकार हैं- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (जेएनपीसीटी), न्हावाशेवा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (एनएसआईसीटी), गेटवे टर्मिनल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (जीटीआईपीएल), न्हावाशेवा इंटरनेशनल गेटवे टर्मिनल (एनएसआईजीटी) और अभी हाल में शुरू किया गया भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (बीएमसीटी)। इस बंदरगाह में सामान्य कार्गो और लिक्विड कार्गो टर्मिनल के लिए शैलो वाटर बर्थ और एक अन्य लिक्विड कार्गो टर्मिनल भी है जिसका प्रबंधन बीपीसीएल-आईओसीएल कंसोर्टियम द्वारा किया जाता है। चौथा कंटेनर टर्मिनल दो चरणों में विकसित किया जा रहा है, जिनमें से पहला चरण चालू है और दूसरे चरण की 2022-2023 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है, इसमें 2,000 मीटर लंबाई के जहाजी घाट हैं। इससे इसकी वार्षिक क्षमता 4.8 मिलियन टीईयू बढ़ गई है। जेएनपीटी ने अपनी 277 हेक्टेयर फ्री होल्ड भूमि में एक बहु-उत्पाद एसईजेड विकसित किया है ताकि अंतर्राष्‍ट्रीय पूंजी और वैश्विक दिग्‍गजों को आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा जेएनपीटी ने वधवान में सैटेलाइट पोर्ट विकसित करने के अलावा यह 4 शुष्‍क बंदरगाह – जालना, वर्धा, सांगली और नासिक में विकसित कर रहा है ताकि औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जा सके। जेएनपीटी ने देश में व्यापार और वाणिज्य के एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में स्‍वयं को मजबूती के साथ स्थापित किया है और यह विश्‍व को डॉक करने के लिए निर्बाध सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए मजबूती से प्रतिबद्ध है।

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