उपराष्ट्रपति ने युवाओं को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) ने प्रशिक्षित करने के लिए स्कूलों, स्थानीय निकायों और गैर सरकारी संगठनों से नियमित शिविर आयोजित करने का अनुरोध किया

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के बारे में लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए आज स्कूलों, स्थानीय निकायों, पंचायतों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से नियमित शिविर आयोजित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सीपीआर प्रशिक्षण हाई स्कूल या कॉलेज के पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए ताकि अधिक-से-अधिक युवा इस जीवन रक्षक प्रक्रिया से परिचित हो सकें।

स्वर्ण भारत ट्रस्ट, विजयवाड़ा में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने इन जीवनरक्षक तकनीकों को जानने के महत्‍व पर जोर‍ दिया। इस जागरूकता कार्यक्रम में इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन (आईआरसीएफ) के डॉक्‍टरों द्वारा सीपीआर और एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर) के उपयोग के बारे में एक प्रदर्शन दिया गया। श्री नायडु ने बेसिक लाइफ सपोर्ट, काम्प्रिहेन्सिव कार्डियक लाइफ सपोर्ट और पीडियाट्रिक एडवांस लाइफ सपोर्ट पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देने के प्रयासों के लिए आईआरसीएफ की प्रशंसा की।

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श्री नायडु ने मेडिकल कॉलेजों के छात्रों से सीपीआर और एईडी के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आस-पास के स्कूलों और गांवों का दौरा करने का आग्रह किया। श्री नायडु ने कहा कि जहां चिकित्‍सा सहायता तुरंत उपलब्‍ध नहीं है वहां आपात स्थिति के समय सीपीआर करने से जीवन बचाने में मदद मिल सकती है।

श्री नायडु ने यह सुझाव दिया कि निजी संस्थानों, अपार्टमेंट परिसरों और निवासी कल्याण संघों को एक एईडी उपकरण तैयार रखना चाहिए और अपने सदस्यों को सीपीआर की तकनीक के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर लोगों को इस बात का पता हो कि सीपीआर कैसे किया जाता है, तो वे कई लोगों की जान बचा सकते हैं।

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इस अवसर पर श्री मंडली बुद्ध प्रसाद, आंध्र प्रदेश के पूर्व डिप्‍टी स्‍पीकर, डॉ. चडालवाड़ा नागेश्वर राव, अध्यक्ष, सिद्धार्थ अकादमी, श्री एस.सी. चक्र राव, अध्‍यक्ष, इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन, आईआरसीएफ के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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