ओआईएल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में हाइड्रोजन मोबिलिटी सॉल्यूशंस को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन ईंधन से संबंधित स्टार्टअप के साथ इन्क्यूबेशन समझौता पर हस्ताक्षर किया

ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने कल 9-एम हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ई-बस तथा लिक्विड ऑर्गेनिक हाइड्रोजन करिअर (एलओएचसी) सॉल्यूशन की डिजाइन, एकीकरण और विकास के लिए ओएचएम क्लीन टेक प्राइवेट लिमिटेड स्टार्टअप के साथ इन्क्यूबेशन समझौता पर हस्ताक्षर किया। प्रतिष्ठित आईआईटी-गुवाहाटी के अंतर्गत इस स्टार्टअप को परामर्श दिया जाएगा और इसका विकास किया जाएगा।

ऑयल इंडिया के सीएमडी श्री सुशील चंद्र मिश्र ने बताया कि ओआईएल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचारी तथा अग्रणी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए संकल्पबद्ध है। ओआईएल ने पहले से ही हाइड्रोजन उत्पादन और मिश्रण के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है।  अब ओआईएल हाइड्रोजन भंडारण, परिवहन तथा मोबिलिटी सॉल्यूशंस के पूरक क्षेत्रों में इस स्टार्टअप उद्यम को प्रायोजित कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे भारत सरकार के आत्मनिर्भर कार्यक्रम में मदद मिलेगी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के लिए दरवाजे खुलेंगे।

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इस अवसर पर ऑयल इंडिया लिमिटेड के वित्त निदेशक श्री हरीश माधव ने बताया कि ओआईएल अपनी योजना “स्नेह” (स्टार्टअप नर्चरिंग, इनैब्लिंग एंड हैंडहोल्डिंग) के अंतर्गत पात्र स्टार्टअप को प्रायोजित करती है। ओआईएल वर्तमान में पूरे देश में 6 स्टार्टअप की इन्यूबेटिंग कर रही है और रोबोटिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, बायोटेक तथा ईंधन डिलिवरी सॉल्यूशनों जैसी उच्च तकनीकी के क्षेत्रों में काम कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में इन दो नये सहयोगों से स्टार्टअप के साथ मिलकर ओआईएल शीघ्र ही पूर्वोत्तर भारत में हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाली ई-बस चलाने में सफल होगी।

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ओएचएम क्लीनटेक की निदेशक भावना एस मयूर ने कहा कि ओएचएम पूर्वोत्तर क्षेत्र में हरित ऊर्जा लाने के काम का हिस्सा बनकर उत्साहित है और यह बाजार में एलओएचसी तथा हाइड्रोजन बस जैसी हाइड्रोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी लाने का अनूठा अवसर है। उन्होंने कहा कि ओआईएल द्वारा व्यक्त किए गए विश्वास से हम भारत के आत्मनिर्भर विकास में बेहतर काम करेंगे। 

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