पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सम्बदध कार्यालय राष्ट्रीय तटतीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर), तटीय जल में 10 मीटर गहराई पर तैरने वाले चिह्न, यानी उत्प्लव (ब्वॉय) लगाये हैं, ताकि तटतीय जल की गुणवत्ता की वास्तविक समय पर जानकारी जमा की जा सके। इन आंकड़ों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ साझा किया जायेगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी तटीय राज्य प्रदूषण बोर्डों (एसपीसीबी) और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) को निर्देश दिया है कि वे तटीय प्रदूषण की रोकथाम के लिये कार्य-योजना विकसित करें। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र इस कार्य में सभी एसपीसीबी और पीसीसी की सहायता कर रहा है।
वैज्ञानिक और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिये एनसीसीआर ने कई पहलें की हैं।
निम्नलिखित उपायों को क्रियान्वित किया जा रहा हैः
आज लोकसभा में पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
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एमजी/एएम/एकेपी/वाईबी