राष्ट्रपति ने सार्जेंट परमेंदर सिंह परमार, फ्लाइट गनर को वायु सेना पदक (शौर्य) प्रदान किया

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912788 सार्जेंट परमेंदर सिंह परमार, फ्लाइट गनर एक एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर यूनिट में तैनात हैं।

13 सितंबर 2021 को जामनगर के जिला प्रशासन से गुजरात में कलावाड़ के समीप बंगा गांव से छह नागरिकों को बचाने के संबंध में एक संदेश प्राप्त हुआ था। बचाव अभियान के तहत एक इमारत से उन छह लोगों को जीवित बचा लिया गया जो नदी के भारी बहाव में डूबने के कगार पर थे। गांव पहुंचने पर चालक दल ने उफनती नदी के बीच एक जर्जर घर को देखा। उन्होंने जल्द ही स्थिति की गंभीरता को भांप लिया क्योंकि भारी बारिश हो रही थी और नदी का प्रवाह तेजी से बढ़ रहा था।

सार्जेंट परमार और एक अतिरिक्त फ्लाइट गनर ने इमारत की छत पर विंच क्रेडल को नीचे करके नागरिकों को बचाने की कोशिश की लेकिन उसे पकड़ने के लिए कोई भी नहीं आया। आसपास की इमारतों के ऊपर अन्य नागरिकों को जर्जर इमारत की ओर इशारा करते हुए देखकर उन्होंने अनुमान लगाया कि फंसे हुए नागरिक छत पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। चालक दल ने सामने के मुख्य दरवाजे से नागरिकों को बचाने के दो असफल प्रयास किए, लेकिन नदी के भारी बहाव और भय के कारण नागरिक विंच क्रेडल पर नहीं चढ़ सके। ऑपरेशन के दौरान बारिश की तीव्रता के साथ-साथ नदी का बहाव भी बढ़ गया था। सार्जेंट परमार ने आकलन किया कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो जर्जर इमारत में फंसे लोग जल्द ही बह जाएंगे। खुद के बह जाने के खतरे के बावजूद उन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना स्वेच्छा से इमारत के दरवाजे पर तेजी से उतर गए। नीचे पहुंचने पर उन्होंने छत की सीढ़ी और एक दीवार के बह जाने के साथ ही नदी के कहर को महसूस किया। उन्होंने लोगों को जल्द निकालने के लिए तत्काल एक योजना बनाई और छह नागरिकों में से दो को एक साथ विंच क्रेडल पर चढ़ने में मदद की। अंतत: सभी को बचा लिया गया और सबसे आ​खिर में वह उस जर्जर इमारत से निकल आए। तेजी से अनियंत्रित हो रही स्थिति की गंभीरता का आकलन करने की उनकी क्षमता, समय पर हस्तक्षेप, व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह न करना और खतरे के बीच अदम्य साहस दिखाने के कारण सभी छह फंसे हुए लोगों को जीवित बचा लिया गया।

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अदम्य साहस के इस कार्य के लिए सार्जेंट परमेंदर सिंह परमार को वायु सेना पदक (शौर्य) से सम्मानित किया जाता है।

 

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एमजी/एएम/एसकेसी