जापान के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उद्घाटन भाषण

Excellency,

ये दुःख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। आज जापान आने के बाद, मैं अपने-आप को ज्यादा शोकातुर अनुभव कर रहा हूँ। क्योंकि पिछली बार जब मैं आया तो आबे सान से बहुत लम्बी बातें हुई थी।और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी।

आबे सान और उनके साथ आपने विदेश मंत्री के रूप में भी भारत और जापान के संबंधों को नयी उंचाई पर भी ले गए और बहुत क्षेत्रों में उसका विस्तार भी किया। और हमारी दोस्ती ने एक वैश्विक प्रभाव पैदा करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई, भारत और जापान की दोस्ती ने। और इस सब के लिए आज भारत की जनता आबे सान को बहुत याद करती है, जापान को बहुत याद करती है। भारत एक प्रकार से हमेशा उनको miss कर रहा है।

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लेकिन मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान सम्बन्ध और अधिक गहरे होंगे, और अधिक ऊंचाइयों को पार करेंगे। और हम विश्व में समस्याओं के समाधान में एक उचित भूमिका निभाने के लिए समर्थ बनेंगे, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।

 

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DS/ST