गांधी जयंती और स्वच्छ भारत दिवस के अवसर परराष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत दिल्ली में आईटीओ छठ घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया

गांधी जयंती और स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर, श्री जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने दिल्ली में आईटीओ छठ घाट पर सहयोगी गैर सरकारी संगठनों, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम, छात्र, गंगा विचार मंच, स्वयंसेवक आदि के सहयोग से एक स्वच्छता अभियान का नेतृत्व किया। छठ घाट के पूरे हिस्से की सफाई सुबह 7:30 बजे शुरू हुए स्वच्छता अभियान के दौरान की गई। इसमें भाग लेने वाले गैर सरकारी संगठनों में एसवाईए, वाईएसएस, ट्री क्रेज फाउंडेशन, भारतीयम, एफओवाई, आरवाईएफ, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, यूबीएसएस आदि शामिल थे। हर साल गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता दिवस मनाया जाता है।

नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत दिल्ली में यमुना के तट पर नियमित सफाई अभियान फरवरी 2022 से हर महीने के चौथे शनिवार और महीने के एक महत्वपूर्ण दिन पर गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों की मदद से चलाया जा रहा है। श्री कुमार ने कहा, “हम खासकर दिल्ली में यमुना नदी की सफाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वर्ष 2022 में दिल्ली में 1300 एमएलडी से अधिक की सीवेज उपचार क्षमता बनाने के लिए एनएमसीजी की एसटीपी परियोजनाओं के पूरा होने के साथ, आने वाले महीनों में पानी की गुणवत्ता में एक स्पष्ट अंतर देखा जाएगा”। हम चाहते हैं कि दिल्ली के लोग यमुना नदी पर गर्व करें”।

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श्री कुमार ने कहा कि पिछले एक साल में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं ने गति पकड़ी है और गंगा बेसिन में 2022 तक लगभग 1300 एमएलडी की उपचार क्षमता पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिपादित अर्थ गंगा अवधारणा के बारे में भी बात की और कहा कि “प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने सहित कई पहल की जा रही हैं।”

डीजी, एनएमसीजी ने यह भी बताया कि अर्थ गंगा के तहत नदी के किनारे गंगा आरती आयोजित करने की पहल भी बड़े पैमाने पर चल रही है। स्वच्छता दिवस के अवसर पर सहकार भारती के सहयोग से आज दिल्ली के सुर घाट पर एनएमसीजी द्वारा ‘जय श्री यमुना आरती’ का आयोजन किया गया। गंगा नदी की सहायक नदियों की सफाई, विशेष रूप से यमुना नदी का कायाकल्प नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। कोरोनेशन पिलर पर हाल ही में 318 एमएलडी क्षमता का एसटीपी चालू किया गया है जबकि यमुना की अविरलता और निर्मलता को सुनिश्चित करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 3 अन्य मुख्य एसटीपी को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं, जो एशिया के सबसे बड़े एसटीपी में से एक हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से नालों से यमुना में जाने वाले सीवेज को रोकने में मदद मिलेगी।

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