प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में लगभग 1,275 करोड़ रुपये की लागत वाली कई स्वास्थ्य सुविधा परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में लगभग 1,275 करोड़ रुपये की लागत वाली कई स्वास्थ्य सुविधा परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री का मंच पर आगमन हुआ जहां उनका अभिनंदन किया गया। प्रधानमंत्री ने पट्टिका का अनावरण किया और (i) मंजुश्री मिल परिसर में किडनी रोग अनुसंधान केंद्र (आईकेडीआरसी) संस्थान (ii) सिविल अस्पताल परिसर, असरवा में गुजरात कैंसर अनुसंधान संस्थान के अस्पताल भवन 1सी (iii) यूएन मेहता अस्पताल में छात्रावास (iv) एक राज्य एक डायलिसिस के साथ गुजरात डायलिसिस कार्यक्रम का विस्तार (v) गुजरात राज्य के लिए केमो कार्यक्रम राष्ट्र को समर्पित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने (i) न्यू मेडिकल कॉलेज, गोधरा (ii) जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज, सोला के नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (iii) सिविल अस्पताल, असरवा में मेडिकल गर्ल्स कॉलेज (iv) रेन बसेरा सिविल अस्पताल, असरवा (v) 125 बिस्तर वाले जिला अस्पताल, भिलोदा (vi) 100 बिस्तर वाले उप जिला अस्पताल, अंजार की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने मोरवा हदफ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जीएमएलआरएस जूनागढ़ और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाघई के मरीजों से बातचीत की।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। श्री मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे एडवांस्ड मेडिकल टेक्नोलॉजी, बेहतर से बेहतर सुविधाएं और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर अब अहमदाबाद और गुजरात में जनता के लिए और ज्यादा उपलब्ध होंगे, जिससे समाज को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध होने से ऐसे लोग इन सरकारी अस्पतालों में जा सकते हैं, जो लोग निजी अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में तत्काल सेवा के लिए चिकित्सा दल तैनात किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने याद किया कि करीब साढ़े तीन साल पहले उन्हें 1200 बिस्तरों की सुविधा वाले मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन का अवसर मिला था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किडनी रोग संस्थान और यूएन मेहता कार्डियोलॉजी संस्थान की क्षमता एवं सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। गुजरात कैंसर अनुसंधान संस्थान के नए भवन के साथ उन्नत अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं भी शुरू हो रही हैं। उन्होंने कहा, “यह देश का पहला सरकारी अस्पताल होगा जहां साइबर-नाइफ जैसी अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध होगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात तेजी से विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा, जब विकास की गति गुजरात जैसी होती है, तो काम और उपलब्धियां इतनी ज्यादा होती हैं कि उन्हें कई बार गिनना भी मुश्किल होता है।

गुजरात में 20-25 साल पहले व्यवस्था की कमियों के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 20-25 साल पहले गुजरात की व्यवस्थाओं को बहुत सी बीमारियों ने जकड़ा हुआ था। एक बीमारी थी-स्वास्थ्य क्षेत्र का पिछड़ापन। दूसरी बीमारी थी- शिक्षा में कुव्यवस्था। तीसरी बीमारी थी- बिजली का अभाव। चौथी बीमारी थी- पानी की किल्लत। पांचवी बीमारी थी- हर तरफ फैला हुआ कुशासन। छठी बीमारी थी- खराब कानून-व्यवस्था। उन्होंने कहा कि इन सारी बीमारियों की जड़ में सबसे बड़ी बीमारी थी- वोट बैंक पॉलिटिक्स। उन्होंने कहा कि आज गुजरात उन सारी बीमारियों को छोड़कर, सबसे आगे चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब बात होती है हाईटेक हॉस्पिटल्स की, तो गुजरात का नाम सबसे ऊपर रहता है। शिक्षा संस्थानों की बात, एक से बढ़कर एक यूनिवर्सिटी की बात हो, तो आज गुजरात का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि गुजरात आगे बढ़ रहा है और विकास के नए पथ प्रशस्त कर रहा है। इसी तरह, गुजरात में पानी, बिजली और कानून व्यवस्था की स्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है। श्री मोदी ने कहा, “आज सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलने वाली सरकार गुजरात के लिए अथक प्रयास कर रही है।”

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू की गई हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ने गुजरात को एक नई पहचान दी है और ये परियोजनाएं गुजरात के लोगों की क्षमताओं का प्रतीक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ, गुजरात के लोग भी गर्व की भावना महसूस करेंगे कि दुनिया की शीर्ष चिकित्सा सुविधाएं अब हमारे अपने राज्य में निरंतर विकास कर रही हैं। यह गुजरात की मेडिकल टूरिज्म पोटेंशियल में भी योगदान देगा।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अच्छे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इरादे और नीतियों दोनों में तालमेल कायम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार का दिल और इरादा लोगों की समस्याओं के प्रति चिंता से नहीं भरा है, तो उपयुक्त स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे का निर्माण संभव नहीं है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयास जब पूरे मन से समग्र दृष्टिकोण के साथ किए जाते हैं तो उनके परिणाम भी उतने ही बहुआयामी होते हैं। उन्होंने कहा, “यही गुजरात की सफलता का मंत्र है।”

मेडिकल साइंस की अनुरूपता को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में, ‘सर्जरी’ यानी पुरानी सरकारी व्यवस्था में पूरी ताकत और हिम्मत से बदलाव लागू किया। उन्होंने कहा कि निष्क्रियता और भ्रष्टाचार पर कैंची, यह मेरी सर्जरी रही है। दूसरा ‘दवा’ यानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हमेशा नूतन प्रयास, तीसरा ‘केयर’ यानी स्वास्थ्य प्रणाली के विकास के लिए संवेदनशीलता के साथ काम करना। उन्होंने कहा कि गुजरात पहला राज्य था, जिसने इंसान ही नहीं, पशुओं की भी देखभाल की। उन्होंने कहा कि बीमारियों और महामारियों की प्रकृति को देखते हुए वन अर्थ वन हेल्थ मिशन को मजबूत करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सावधानी से काम किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों के बीच गए, उनकी तकलीफ को साझा किया।” जनभागीदारी के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़कर किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब व्यवस्था स्वस्थ हुई तो गुजरात का स्वास्थ्य क्षेत्र भी स्वस्थ हुआ और देश में गुजरात को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि गुजरात ने जो सिखाया, वो दिल्ली जाने के बाद मेरे बहुत काम आया। स्वास्थ्य के इसी विजन को लेकर हमने केंद्र में भी काम करना शुरू किया। उन्होंने बताया कि इन 8 वर्षों में हमने देश के अलग-अलग हिस्सों में 22 नए एम्स दिए हैं और इसका लाभ गुजरात को भी मिला है। श्री मोदी ने कहा, “गुजरात को राजकोट में अपना पहला एम्स मिला।” स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए कार्यों पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में जिस तरह हेल्थ सेक्टर में काम हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब गुजरात मेडिकल रिसर्च, बायोटेक रिसर्च और फार्मा रिसर्च में पूरी दुनिया में अपना परचम फहराएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकार संवेदनशील होती है, तो सबसे बड़ा लाभ समाज के कमजोर तबके को होता है, माताओं-बहनों को होता है। उस समय को याद करते हुए जब शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय थी और पिछली सरकारों ने ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए नियति को जिम्मेदार ठहराया था, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारी सरकार थी जिसने हमारी माताओं और बच्चों के लिए एक स्टैंड लिया। श्री मोदी ने कहा, “पिछले बीस वर्षों में, हमने आवश्यक नीतियों का मसौदा तैयार किया और उन्हें लागू किया जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु दर में भारी गिरावट आई।” ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान’ पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़कियों की संख्या अब नवजात लड़कों की संख्या को पार कर गई है। प्रधानमंत्री ने ऐसी सफलताओं का श्रेय गुजरात सरकार की ‘चिरंजीवी’ और ‘खिलखिलाहट’ जैसी नीतियों को दिया। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात की सफलता और प्रयास, केंद्र सरकार के ‘इंद्रधनुष’ और ‘मातृ वंदना’ जैसे मिशनों को रास्ता दिखा रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने संबोधन का समापन करते हुए गरीबों और जरूरतमंदों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की ओर इशारा किया। डबल इंजन वाली सरकार की ताकत के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री अमृतम योजना का संयोजन गुजरात राज्य में गरीबों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य और शिक्षा केवल दो ऐसे क्षेत्र हैं जो न केवल वर्तमान,  बल्कि भविष्य की दिशा तय करते हैं।” 2019 में 1200 बिस्तरों की सुविधा वाले एक सिविल अस्पताल का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वही अस्पताल सबसे बड़े स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरा और उसने एक साल बाद दुनिया में आई कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की सेवा की। उन्होंने कहा, “उस एकल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर ने महामारी के दौरान हजारों मरीजों की जान बचाई।” प्रधानमंत्री ने वर्तमान परिस्थितियों में सुधार के साथ-साथ भविष्य के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री मोदी ने कहा, “मेरी कामना है कि आप और आपका परिवार किसी भी बीमारी से मुक्त रहें।”

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, सांसद श्री सी. आर. पाटिल, श्री नरहरि अमीन, श्री किरीटभाई सोलंकी और श्री हसमुखभाई पटेल उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में लगभग 1,275 करोड़ रुपये की लागत वाली कई स्वास्थ्य सुविधा परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने गरीब मरीजों के परिवारों के ठहरने की सुविधा के लिए आश्रय गृहों की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने हृदयरोग के उपचार के लिए नई और उन्नत इकाई, यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में एक नए छात्रावास भवन, किडनी रोग और अनुसंधान केंद्र संस्थान के एक नए अस्पताल भवन तथा गुजरात कैंसर और अनुसंधान संस्थान के एक नए भवन का लोकार्पण किया।

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