भारत में फिल्म वितरण श्रृंखला से संबंधित बाजार अध्ययन

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (‘आयोग’) ने आज ‘भारत में फिल्म वितरण श्रृंखला से संबंधित बाजार अध्ययन: प्रमुख निष्कर्ष एवं विचार’ शीर्षक एक रिपोर्ट जारी की। यह अध्ययन विभिन्न हितधारकों द्वारा चिन्हित किए गए फिल्म वितरण श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा से संबंधित कुछ प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालता है। ऐसा करने के क्रम में, यह अध्ययन वितरण श्रृंखला में उत्पादन, वितरण या प्रदर्शन के स्तर पर जुड़े विभिन्न एसोसिएशनों की भूमिका, कुछ चुनिंदा प्रतिष्ठानों की बेहतर शक्ति एवं परिणामी असंतुलन, विभिन्न स्तरों पर मौजूद बाधाएं; जोखिमों का असमान वितरण; राजस्व साझा करने की व्यवस्था; सिनेमा में नई प्रौद्योगिकियां; प्रदर्शन के स्तर पर बांधने और सूत्रबद्ध करने से जुड़ी व्यवस्था आदि के बारे में चर्चा करता है।

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इस अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर और अपने हिमायत संबंधी दायित्वों के तहत आयोग ने फिल्म उद्योग को विभिन्न श्रेणी के हितधारकों के लिए कुछ स्व-नियामक उपायों को विकसित करने की सिफारिश की है। इन स्व-नियामकों में शामिल हैं:

मल्टीप्लेक्सों एवं निर्माताओं से संबंधित   

बॉक्स ऑफिस पर होने वाले राजस्व संग्रह की रिपोर्टिंग

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वर्चुअल प्रिंट शुल्क (वीपीएफ)

हितधारकों का एसोसिएशन

डिजिटल सिनेमा

आयोग ने फिल्म निर्माण, वितरण और प्रदर्शनी के विभिन्न पहलुओं के बारे में अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि देकर विभिन्न हितधारकों द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की। आयोग ने इस बात  की पुरजोर आशा व्यक्त की कि सभी के सर्वोत्तम हित में विभिन्न घटकों द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरोधी कार्य – प्रणालियों को नियंत्रित किया जाएगा, इस प्रकार नियामक हस्तक्षेप को सीमित किया जाएगा।

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