प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ के नवीनतम संस्करण में लोगों को एकजुट करने और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना उत्‍पन्‍न करने में विभिन्न त्योहारों, समारोहों एवं खेलों के विशेष महत्व पर प्रकाश डाला

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूर्य की उपासना का महान पर्व ‘छठ’ देश के कई हिस्सों में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘छठ’ का पर्व ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। आज बिहार और पूर्वांचल के लोग चाहे देश के किसी भी कोने में हों, छठ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। छठ का पर्व अब दिल्ली, मुंबई और गुजरात के कई हिस्सों के साथ-साथ महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में भी बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें याद है कि पहले गुजरात में छठ पूजा इतने बड़े पैमाने पर नहीं मनाई जाती थी। लेकिन समय बीतने के साथ ही लगभग पूरे गुजरात में छठ पूजा की छटा नजर आने लगी है। आजकल हम देखते हैं कि छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें विदेश से भी आती हैं। इसका अर्थ यही है कि भारत की समृद्ध विरासत, हमारी आस्था दुनिया के कोने-कोने में अपनी पहचान फिर से स्थापित कर रही है।

‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर देश के कोने-कोने में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाता है। यह दौड़ देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है, हमारे युवाओं को प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री ने काफी विस्तार से बताया कि हमारे राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी यही भावना देखी गई है। ‘जुड़ेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया’ थीम के साथ राष्ट्रीय खेलों ने जहां एक ओर एकता का मजबूत संदेश दिया है, वहीं दूसरी ओर भारत की खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का राष्ट्रीय खेल भारत में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। इसमें 36 खेलों को शामिल किया गया, जिनमें 7 नई और दो स्वदेशी स्‍पर्धाओं योगासन और मल्लखंब को भी शामिल किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में नवरात्रि के दौरान राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया। खिलाड़ी भी जहां एक ओर दिन में खेलों में भाग लेते थे; वहीं दूसरी ओर शाम में वे गरबा और डांडिया के रंग में डूब जाते थे। अहमदाबाद में राष्ट्रीय खेलों के दौरान जिस तरह से कला, खेल और संस्कृति सब एक साथ हो गए, उसने सभी को आनंद से भर दिया। उन्होंने गुजराती व्‍यंजन और नवरात्रि की ढेर सारी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर कीं। आखिरकार, इस तरह के खेलों के माध्यम से ही हमें भारत की विविध संस्कृतियों के बारे में पता चलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये इसके साथ ही समान रूप से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हैं।

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प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 15 नवंबर को हमारा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। देश ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय विरासत और गौरव का जश्न मनाने के लिए पिछले साल इसकी शुरुआत की थी। भगवान बिरसा मुंडा ने अपने छोटे से जीवनकाल में ही लाखों लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट कर दिया था। उन्होंने भारत की आजादी और जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। धरती अबा बिरसा मुंडा से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि हमें अपनी जनजातीय संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए, इससे बिल्कुल भी दूर नहीं जाना चाहिए। आज भी हम देश के जनजातीय समाजों से प्रकृति और पर्यावरण के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उन्हें रांची में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला था।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 नवंबर को गुरु पर्व है। गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व हमारी आस्था के लिए जितना जरूरी है, उससे हमें भी उतना ही सीखने को मिलता है। गुरु नानक देव जी ने अपने पूरे जीवन में मानवता के लिए प्रकाश फैलाया। पिछले कुछ वर्षों में देश ने गुरुओं के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनगिनत प्रयास किए हैं। हमें गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को देश-विदेश में बड़े पैमाने पर मनाने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि हमें अपने गुरुओं की शिक्षाओं से निरंतर सीखते रहना चाहिए और उनके प्रति समर्पित रहना चाहिए। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। इस दिन हम तीर्थ स्थलों पर स्नान कर सेवा और दान करते हैं। प्रधानमंत्री ने इन त्योहारों पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के विभिन्न संस्करणों में एक भारत श्रेष्ठ भारत को गौरवमयी स्थान दिया है।

  

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