केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने मिस्र में सीओपी-27 में मध्य-पूर्व हरित पहल शिखर सम्मेलन 2022 को संबोधित किया

मुख्य विशेषताएं:

 

 

सीओपी 27 से इतर शर्म अल-शेख में मध्य-पूर्व हरित पहल शिखर सम्मेलन 2022 में अपने संबोधन में, केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा:

“मैं सीओपी 27 से इतर मध्य-पूर्व हरित पहल शिखर सम्मेलन 2022 की मेजबानी करने के लिए सऊदी अरब और मिस्र अरब गणराज्य को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने दुनिया भर के देशों को एक मंच पर एकत्रित किया है और वे उत्सर्जन कम करने एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आशान्वित हैं।

मुझे रियाद में आयोजित मध्य-पूर्व हरित पहल शिखर सम्मेलन 2022 के दौरान एक वक्तव्य देने का अवसर मिला। इस पहल का विषय “सक्सिडिंग द ट्रांजिशन टू ग्रीन इकोनॉमीज: द रोल ऑफ सस्टेनेबल फाइनेंस” था। मैंने समान लेकिन अलग-अलग उत्तरदायित्वों और संबंधित क्षमताओं के मुद्दों पर, सतत विकास लक्ष्यों को मुख्यधारा में लाने के लिए भारत के कदमों और जलवायु वित्त के मामले पर अपने विचार व्यक्त किए।

रियाद में पिछली बैठक को हुए एक वर्ष हो चुका है। इस बीच, भारत ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु दुनिया भर में उपस्थित लोगों की भूमिका पर प्रकाश डाला है। भारत सबसे कमजोर लोगों के जीवन में मूर्त परिवर्तन लाने के लिए राष्ट्रों की बढ़ी हुई प्रतिबद्धताओं के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पूर्ण आशा और अपेक्षाओं के साथ सीओपी 27 में भागीदारी कर रहा है।

मेरा मानना है कि मध्य-पूर्व हरित पहल शिखर सम्मेलन द्वारा की गई विभिन्न पहलें, मध्य-पूर्व में 50 बिलियन वृक्ष लगाने जैसी स्थायी खपत कार्य व्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करने से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित हैं, जिससे रोजगार अवसरों का सृजन होता हैं और देशों का लचीलापन मजबूत होता है।

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अक्टूबर 2021 में, सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय ने विश्व के सबसे बड़े हाइड्रोजन उत्पादक बनने के लक्ष्य की घोषणा की थी। सऊदी अरब के विशाल हाइड्रोकार्बन संसाधन, मौजूदा औद्योगिक क्षमता और व्यावसायिक विशेषज्ञता ऊर्जा आयात पर निर्भर देशों के लिए उसे एक मनपसंद आपूर्तिकर्ता बनाती है।

मिस्र अरब गणराज्य स्वेज नहर समुद्री परिवहन के लिए बंकर ईंधन के रूप में उपयोग की जाने वाली हरित अमोनिया सुविधा को विकसित कर रहा है। देश में नेट-जीरों शिपिंग की दिशा में हरित ईंधन उत्पादन को स्थापित करने में मिस्र की सरकारों के प्रयास सराहनीय हैं।

महामहिम,

भारत स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत और नेट जीरो के लक्ष्य पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार को उद्धृत करते हुए मैं इसका उल्लेख करता हूं-

“राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से, भारत एक पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत की ओर अग्रसर हो चुका है। इससे भारत और दुनिया के कई देशों को नेट जीरो के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत इस बात का एक प्रमुख उदाहरण बन चुका है कि कैसे प्रगति और प्रकृति साथ-साथ चल सकती है। अब जबकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, हमारा वन क्षेत्र भी बढ़ रहा है और वन्यजीवों की संख्या भी बढ़ रही है।”

एसडीजी की प्राप्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र की दशक कार्रवाई के हिस्से के रूप में, भारत ने अपशिष्ट की रोकथाम और प्रबंधन सहित संसाधन दक्षता और परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों का शुभारंभ किया हैं।

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महामहिम,

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे कई गठबंधनों का भी शुभारंभ किया हैं, जिसके अंतर्गत सभी की पहुंच के भीतर स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा तैयार करने का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन  है और मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मिस्र और सऊदी अरब दोनों ही इसका हिस्सा हैं।

मैं यह भी उल्लेख करना चाहूंगा कि भारत ने औद्योगिक क्षेत्रों को कम करने के लिए कड़ी मेहनत पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वीडन के साथ इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीड आईटी) ट्रैक में नेतृत्व समूह और छोटे द्वीप रूपी विकासशील देशों के लिए प्रौद्योगिकी, वित्त और आवश्यक जानकारी के सरल और त्वरित संसाधनों के लिए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे हेतु भी गठबंधन का शुभारंभ किया है।

महामहिम, मैं आपको जलवायु परिवर्तन से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इन गठबंधनों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं, जिन्हें हमने अपने लिए ही कार्य करने के लिए गठित किया है।

अंत में, मैं इस सम्मानित सभा को बताना चाहूंगा कि हमने लाइफ-पर्यावरण के लिए जीवन-शैली विषय पर सीओपी 27 में अपने भारतीय मंडप का उद्घाटन किया है, जो न केवल वैश्विक अभियान- लाइफ पर केंद्रित है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत द्वारा की गई विभिन्न पहलों का प्रभावी ढंग से विस्तार भी करता है।

मैं मध्य-पूर्व हरित पहल के लक्ष्यों के लिए बड़ी सफलता की कामना करता हूं।”

आगे का संदर्भ:

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