भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने, टोक्यो ओलंपिक में भारत को मिला सातवां पदक जो देश को अभी तक मिले सबसे ज्यादा पदक हैं

मुख्य बिंदु :
• राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इतिहास रचने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी
• खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, बधाई नीरज, आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा
टोक्यो ओलंपिक में आज 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही, वह स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट और अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन के साथ, नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या सात तक पहुंचा दी, जो 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीते अभी तक के सबसे ज्यादा छह पदकों से ज्यादा हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और उत्साही देशवासियों ने भारत को गौरवान्वित करने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी।
Unprecedented win by Neeraj Chopra!Your javelin gold breaks barriers and creates history. You bring home first ever track and field medal to India in your first Olympics. Your feat will inspire our youth. India is elated! Heartiest congratulations!
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने नीरज चोपड़ा को बधाई दी और कहा, आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं की प्रेरित करेगी। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा की असाधारण जीत! भाला फेंक में आपका स्वर्ण कई बाधाओं को तोड़ता है और इतिहास रचता है। अपने पहले ओलंपिक में आप भारत के लिए अभी तक का पहला ट्रैक एंड फील्ड पदक लेकर आए हैं। आपकी असाधारण उपलब्धि युवाओं को प्रेरित करेगी। भारत उत्साहित है! हार्दिक बधाइयां।”
History has been scripted at Tokyo! What @Neeraj_chopra1 has achieved today will be remembered forever. The young Neeraj has done exceptionally well. He played with remarkable passion and showed unparalleled grit. Congratulations to him for winning the Gold. #Tokyo2020 https://t.co/2NcGgJvfMS
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए नीरज को बधाई दी और ट्वीट किया, “टोक्यो में इतिहास रचा गया है! नीरज चोपड़ा ने आज जो उपलब्धि हासिल की है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वह असाधारण उत्साह के साथ खेले और बेजोड़ धैर्य का प्रदर्शन किया। स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें बधाई। #Tokyo2020”
NEERAJ 🥇 CHOPRA India’s 🇮🇳 Golden Boy !India’s Olympic History has been scripted!Your superbly soaring throwdeserves a Billion Cheers !Your name will be etched in the history books with golden letters.#Tokyo2020 @Neeraj_chopra1 pic.twitter.com/Xe6OYlCedq
खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बधाई संदेश के साथ जीत के पल देखने की अपनी एक क्लिप साझा की। खेल मंत्री ने ट्वीट किया, “नीरज चोपड़ा, भारत के गोल्डन ब्वॉय! आपका शानदार थ्रो एक अरब तारीफों का हकदार है! आपका नाम इतिहास की पुस्तकों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।#Tokyo2020”
 
नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत विवरण:
 
खेल: पुरुष भाला फेंक
जन्म तिथि: 24 दिसंबर 1997
गृह स्थान: पानीपत, हरियाणा
प्रशिक्षण शिविर: साई एनएसएनआईएस पटियाला
वर्तमान प्रशिक्षण शिविर: उप्साला, स्वीडन
राष्ट्रीय कोच: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज
नीरज हरियाणा के खंडरा गांव के रहने वाले हैं। वह जब 12 वर्ष के थे, तब उनके शरीर का वजन सामान्य से अधिक था और उनके परिवार के लोग लगातार उनसे खेल की दुनिया में उतरने के लिए कहते रहे। आखिरकार नीरज ने अपने परिवार वालों की बात मानते हुए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया। कुछ सीनियर को स्टेडियम में भाला फेंकते हुए देखने के बाद, नीरज ने भाला फेंक खेल में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। सौभाग्य से नीरज को तंदुरुस्त बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण करने के एक माध्यम के तौर पर इस खेल ने आकर्षित किया। इसके बाद वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन गए।
उपलब्धियां
– स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2018
– स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2018
– स्वर्ण पदक, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017
– स्वर्ण पदक, विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016
– स्वर्ण पदक, दक्षिण एशियाई खेल 2016
– रजत पदक, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2016
– वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88.07 मीटर – 2021)
– वर्तमान विश्व जूनियर रिकॉर्ड धारक (86.48 मीटर – 2016)
 
सरकार से मिली प्रमुख मदद
– यूरोप में प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए वीजा सपोर्ट लेटर
– स्पोर्ट्स गियर और रिकवरी इक्विपमेंट की खरीद के लिए वित्तीय सहायता
– नेशनल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के लिए बायो-मैकेनिस्ट विशेषज्ञ सह कोच की भर्ती और विदेशों में खेलने के अवसर
– महासंघ और एनजीओ के साथ इंजरी मैनेजमेंट और रिहैबिलिटेशन
– वर्तमान ओलंपिक चक्र में 26 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए वित्तीय सहायता
 
वित्त पोषण (रियो ओलंपिक 2016 के बाद से अब तक)
टाप्स
एसीटीसी
कुल
करीब 52,65,388 रुपये
करीब 1,29,26,590 रुपये
करीब 1,81,91,978 रुपये
 
कोच (प्रशिक्षकों) का विवरण:
ग्रासरूट लेवल: श्री जय चौधरी
डेवलपमेंट लेवल: दिवंगत श्री गैरी कैलवर्ट और श्री यू होन
एलीट लेवल: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज
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