जिस विचारधारा ने सोमनाथ के मंदिर को तोड़ा, आज उसी विचारधारा से विश्व आतंकीत है।

जिस विचारधारा ने सोमनाथ के मंदिर को तोड़ा, आज उसी विचारधारा से विश्व आतंकीत है।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्र दर्शन पथ, प्रदर्शनी दीर्घा का लोकार्पण और पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास किया।
अब सोमनाथ में धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा। कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हुए।
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20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल तकनीक से गुजरात के वेरावल स्थित सोमनाथ में समुद्र दर्शन पथ, प्रदर्शनी दीर्घा का लोकार्पण व पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास किया। सब जानते हैं कि भगवान शिव के प्रतीक 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ है। सोमनाथ मंदिर की भव्यता और समृद्धि को सुनकर ही 1025 ई० मोहम्मद गजनवी ने मंदिर को क्षतिग्रस्त लूटा। इसके बाद 1297 ई० में मंदिर पर दूसरी बार हमला हुआ। 20 अगस्त का प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि सदियों पहले जिस विचारधारा ने सोमनाथ के मंदिर को नुकसान पहुंचाया, आज उसी विचारधारा से पूरा विश्व आतंकीत है। लेकिन ऐसी विचारधारा का अस्तित्व स्थाई नहीं होता है। सोमनाथ मंदिर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सोमनाथ पर जितनी बार हमले हुए वह उतनी ही बार मजबूत हुआ। आज यह मंदिर अपने प्राचीन वैभव के साथ सीना तान कर खड़ा है। समुद्र दर्शन पथ से जहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक अरब सागर का भव्य नजारा देख सकेंगे, वहीं प्रदर्शनी के माध्यम से मंदिर पर हुए हमलों की जानकारी ले सकेंगे। इस प्रदर्शनी दीर्घा में टूटे मंदिर के अवशेष रखे गए हैं। मोदी ने कहा कि अतीत के खंडहर पर नवनिर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी विनाशकारी विचारधारा स्थाई नहीं होती है। हमारे 12 ज्योतिर्लिंग भारत को एक सूत्र में बांधने वाले हैं। मोदी ने भगवान शिव की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि शिव ही है, जो विनाश में भी विकास करते है। सोमनाथ का मंदिर बार बार टूटने के बाद भी आज पूर्ण भव्यता के साथ खड़ा है। यह भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है। आस्था को किसी भी आतंक से नहीं कुचला जा सकता। यह सुंदर संयोग ही है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना रहा है तो सोमनाथ में मंदिर भव्यता का आकार ले रहा है। सोमनाथ मंदिर का जो विकास हुआ है उससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय और गुजरात के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। अब सोमनाथ आने वाले श्रद्धालु पर्यटन की दृष्टि से भी एक दो दिन गुजार सकते हैं। मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैं सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष भी रहा। गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अनेक विकास कार्य करवाए। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मेरी रुचि सोमनाथ मंदिर के विकास में बनी रही। इसलिए केंद्र सरकार की प्रसाद योजना में सोमनाथ को शामिल किया गया। मोदी ने कहा कि पूर्व में जिन धार्मिक स्थलों को दुर्लभ और कठिन मानकर विकास के दायरे में शामिल नहीं किया जाता था, उन्हीं धार्मिक स्थलों को प्रसाद योजना में शामिल किया गया है। इनमें पर्वतीय इलाकों में चार धाम की यात्रा के लिए सड़क निर्माण का कार्य भी शामिल है। पहले जहां ऐसे धार्मिक स्थलों पर पहुंचने में कई दिन लगते थे, वहां अब कुछ घंटों में पहुंचा जा सकता है। यही वजह है कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर अब श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है जिससे रोजगार का सृजन हुआ है। देश के 40 प्रमुख धार्मिक स्थलों का विकास तेजी से हो रहा है। यही वजह है कि वर्ष 1913 में टूरिज्म के क्षेत्र में दुनिया में भारत का 65 वां स्थान था वह 2019 में भारत 34 वें नम्बर पर आ गया है।
आडवाणी भी नजर आए:
सोमनाथ मंदिर के विकास से जुड़े समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस तकनीक से शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण आडवाणी के नाम का भी उल्लेख किया। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी मंदिर के बारे में जानकारी दी।