श्री अनुराग ठाकुर ने झारखंड के लोगों को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं, भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज अन्य मंत्रियों और सांसदों के साथ संसद परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

 

 

श्री ठाकुर ने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने अपना जीवन शोषित और दलितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया, और मैं जनजातीय नायक एवं महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। बिरसा मुंडा जनजातीय समुदायों और पूरे देश में पूजनीय हैं।”

मंत्री महोदय ने आगे कहा, “भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में जनजातियों के अद्वितीय स्थान और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय आने वाली पीढ़ियों को इस सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करेगा।”

यह भी पढ़ें :   विद्युत (एलपीएस और संबंधित मामले) नियम- 2022 के कार्यान्वयन के साथ उत्पादक कंपनियों की बकाया धनराशि के भुगतान में महत्वपूर्ण सुधार

श्री अनुराग ठाकुर ने झारखंड की स्थापना पर राज्य के लोगों को बधाई दी और कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। इस अवसर पर मैं राज्य के निरंतर विकास और सभी नागरिकों के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं।’’

पृष्ठभूमि :

जनजातीय लोगों के गौरवशाली इतिहास, उनकी संस्कृति एवं उपलब्धियों को सम्मानित करने और उनका जश्न मनाने के लिए सरकार ने 15 नवंबर से 22 नवंबर 2021 तक एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव का आयोजन किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10 नवंबर 2021 को 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।

यह भी पढ़ें :   वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

इस दिन श्री बिरसा मुंडा की जयंती होती है, जिन्हें देश भर के जनजातीय समुदायों द्वारा भगवान के रूप में पूजा जाता है। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के शोषण के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आह्वान कर ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। यह घोषणा आदिवासी समुदायों के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के सम्मान में की गई है। यह दिवस हर साल मनाया जाएगा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और वीरता, आतिथ्य-सत्कार तथा राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय समुदायों के प्रयासों को मान्यता देगा।

****

एमजी/एएम/केसीवी/एसके