राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, एनसीएम, ने आज नई दिल्ली में 552वीं गुरु नानक जयंती मनाई

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, एनसीएम ने आज नई दिल्ली में 552वीं गुरु नानक जयंती मनाई।

इस समारोह में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पंजाब स्टडी के निदेशक डॉ. मोहिंदर सिंह विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता थे। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके उपदेशों के बारे में एक स्लाइड शो के माध्यम से दर्शकों को जागरूक किया। इस प्रस्तुति में श्री गुरु नानक देव जी के जीवन के कई दुर्लभ चित्र और उन स्थानों की तस्वीरें शामिल थीं जहां का उन्होंने भ्रमण किया था। इसमें श्री गुरु नानक देव के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों का भी उल्लेख किया गया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में एनसीएम के अध्यक्ष श्री इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि श्री गुरु नानक जी के उपदेशों का मुख्य सार यह था कि ईश्वर एक ही है और उनके उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने 500 साल पहले थे। उनके उपदेश हमें बताते हैं कि कैसे जीवन व्यतीत किया जाए और जीवन का अधिकतम आनंद लिया जाए। श्री गुरु नानक देव को विश्व गुरु के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनका संदेश वैश्विक भाईचारा था। श्री लालपुरा ने यह भी कहा कि हमें अन्य धर्मों से भी सीखना चाहिए और इससे हमारा देश रहने के लिहाज से एक बेहतर और शांतिपूर्ण जगह बनेगा। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि एनसीएम बहुत जल्द विभिन्न धर्मों पर एक छोटी पुस्तिका प्रकाशित करने की योजना बना रहा है।

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इससे पहले प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एनसीएम के सचिव श्री एस. के. देव वर्मन ने बताया कि आयोग पूरे साल सभी समुदायों के समारोहों का जश्न मनाता है जिससे विभिन्न समुदायों के बीच अंतर-धार्मिक संबंध मजबूत होता है। उन्होंने समुदायों के बीच मजबूत संबंध बनाने के लिए अन्य धर्मों के सिद्धांतों को जानने-समझने की आवश्यकता व्यक्त की।

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इस समारोह में विभिन्न समुदायों और सरकारी विभागों के विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

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