पर्यटन मंत्रालय ने राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया

केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किये गए एक वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता की। यह कार्यक्रम भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को समर्पित किया गया था।

इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में चार केंद्रीय सचिव भी उपस्थित थे। इनमें कपड़ा मंत्रालय के सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्रीमती लीना नंदन, पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री अरविंद सिंह और संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री गोविंद मोहन शामिल थे। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने भी इस चर्चा में भाग लिया। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष श्री आनंद महिंद्रा और विश्व भ्रमण करने वाले साहसी मोटरसाइकिल चालक कर्नल मनोज केश्वर भी दो घंटे तक चलने वाले इस वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए।

श्री जी किशन रेड्डी ने देश में पर्यटन स्थलों के रूप में प्रसिद्ध अद्भुत स्थानों की मौजूदगी होने के कारण वैश्विक स्तर पर भारत की उल्लेखनीय स्थिति के बारे में चर्चा की। उन्होंने वर्ष 2021 के उस सर्वेक्षण के विश्लेषण का भी जिक्र किया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि भारत में पर्यटन क्षेत्र से ही 30 प्रतिशत रोजगार पूरी तरह से उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को पहले 5 लाख पर्यटक वीजा का मुफ्त वितरण और बौद्ध सर्किट जैसी विभिन्न पर्यटन ट्रेनों के संचालन के लिए पर्यटन उद्योग को लगभग 3500 कोचों के आवंटन जैसी पहल से इस क्षेत्र को निश्चित ही बहुत लाभ होगा।

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श्री रेड्डी ने युवाओं में पर्यटन के बारे में उत्साह पैदा करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक ‘पर्यटक क्लब’ खोलने के निर्णय की सराहना की, ताकि छात्रों में जागरूकता उत्पन्न की जा सके और उन्हें देश भर के शानदार पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। श्री रेड्डी ने पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए सुधार हेतु की जा रही पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा, उन्हें गर्व है कि भारत सरकार का हर एक विभाग देश में पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देने के लिए एकजुट तथा उत्साहित होकर काम कर रहा है।

जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने नदियों और पर्यटन के बीच संबंध के बारे में बातचीत की। उन्होंने गंगा नदी के किनारे पर्यटन के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया। श्री अशोक कुमार ने गंगा नदी में अपार पर्यटन क्षमता का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘अतुल्य भारत’ और ‘अतिथि देवो भव’ भारत की दो गतिशील भावनाएं हैं, जो अतिथियों का सम्मान करने के पारंपरिक भारतीय दर्शन का ही प्रतीक हैं।

श्री अशोक ने सदियों पुराने वाक्यांश “कण कण में शंकर” का उल्लेख करते हुए लोगों की भक्ति और पवित्र गंगा नदी के महत्व को रेखांकित किया। गंगा के विकास एवं संरक्षण के लिए निर्मल गंगा, अविरल गंगा, ज्ञान गंगा तथा जन गंगा जैसे कुछ वर्गीकरणों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने ‘अर्थ गंगा’ तथा क्षेत्र में ‘सांस्कृतिक पर्यटन’ के माध्यम से घाटियों के आसपास रहने वाले लोगों की आमदनी और रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी चर्चा की।

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श्री अशोक ने कहा कि विभिन्न गंगा संग्रहालयों की स्थापना, साहसिक खेलों के आयोजन, गंगा के पवित्र घाटों पर आरती आदि कार्यक्रमों ने देश में पर्यटन क्षेत्र को अभूतपूर्व प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि सदियों से मनुष्य तथा नदियों के बीच गहरा जुड़ाव रहा है और टिकाऊ पर्यटन ही हमारा लक्ष्य है।

भारत की समृद्ध विरासत और इसकी अलौकिक सुंदरता का बखान करने तथा पर्यटन के महत्व एवं अर्थव्यवस्था पर इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, हर वर्ष 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

इस वर्ष राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम ‘ग्रामीण और समुदाय केंद्रित पर्यटन’ है। आज के कार्यक्रम के दौरान ‘अतुल्य गंगा परिक्रमा’ विषय पर एक रोचक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया और भारत के 75 कम-ज्ञात पर्यटन स्थलों पर आधारित एक पुस्तक का डिजिटल विमोचन किया गया।

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